यरुशलम: सीरिया के बाद अपने रासायनिक हथियारों को भी संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में लाए जाने की बात कहे जाने के अंतरराष्ट्रीय दबाव की आशंका के बीच यहूदी राष्ट्र इस्राइल इस बात पर अड़ा हुआ है कि जब तक क्षेत्र के अन्य देश रासायनिक हथियार संधि का अनुमोदन नहीं कर देते , वह इसे मंजूर नहीं करेगा.रुसी अधिकारियों ने हाल के सप्ताहों के दौरान कई बार सीरिया के रासायनिक हथियारों और इस्राइली सैन्य क्षमताओं के बीच संबंध बताया है. यह ऐसा घटनाक्रम है कि जिस पर यहां अधिकारियों का ध्यान जरुर गया होगा.
रुस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन कह चुके हैं कि सीरिया के रासायनिक हथियार इस्राइली सैन्य क्षमताओं के जवाब का नतीजा हैं. फ्रांस स्थित रुसी राजदूत ने पेरिस में रेडियो फ्रांस से कहा कि दमिश्क के रासायनिक हथियार ‘‘परमाणु ’’क्षमता संपन्न इस्राइल के प्रतिरोध के प्रति संतुलन बनाए रखने के लिए हैं.इस्राइल ने 1993 में रासायनिक हथियार संधि पर हस्ताक्षर किए थे लेकिन इसका कभी अनुमोदन नहीं किया.
अपने परमाणु कार्यक्रम पर संशयात्मक नीति बनाए रखते हुए इस्राइल ने खुद को अंतरराष्ट्रीय निरीक्षण के लिए पेश नहीं किया. विश्व में सबसे बड़ा रासायनिक हथियारों का जखीरा रखने वाले सीरिया ने संधि पर हस्ताक्षर तक नहीं किए हैं और न ही उसके दूसरे पड़ोसी देश मिस्र ने. मिस्र के पास भी रासायनिक हथियार हैं. हालांकि सीरिया ने गुरुवार को संधि में शामिल होने के लिए आवेदन किया है. संयुक्त राष्ट्र ने सीरिया के आवेदन को स्वीकार कर लिया है.