इस्लामाबाद : पाकिस्तान के कुख्यात लाल मस्जिद अभियान के दौरान धर्मगुरू अब्दुल रशीद और उनकी मां की हत्या किए जाने के मामले में देश के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के खिलाफ आज एक मामला दर्ज किया गया.इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश नूरल हक कुरैशी के निर्देश पर मुशर्रफ के खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया, जो अपने पुराने आदेश का पालन नहीं होने से नाराज थे.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, लाल मस्जिद के धर्मगुर रशीद के बेटे हारुन रशीद की ओर से अपने पिता और दादी की हत्या के मामले में 70 वर्षीय मुशर्रफ के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश हक ने कहा कि अदालत के आदेश के बावजूद मामला दर्ज नहीं किया जाना न्यायालय की अवमानना है.
उन्होंने आबपाड़ा पुलिस थाने के प्रभारी कासिम नियाजी को यह मामला दर्ज होने तक अदालत में ही बैठे रहने का आदेश दिया. मुशर्रफ की पार्टी एपीएमएल की नेता आसिया इसहाक ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए लड़ेंगे.
उन्होंने कहा, ‘‘मुशर्रफ कहीं भागने वाले नहीं. हमें इस तरह के मामलों की पहले से ही उम्मीद थी. वह राजनीति से प्रेरित मामलों में अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और खुद की बेगुनाही साबित करेंगे.’’
वर्ष 2007 में तत्कालीन मुशर्रफ सरकार ने इस्लामाबाद स्थित विवादास्पद लाल मस्जिद पर कार्रवाई की थी. आठ दिनों तक चले इस रक्तरंजित अभियान में कम से कम 58 पाकिस्तानी सैनिक और मदरसे के छात्रा मारे गए थे.
इससे पहले अदालत की इसी खंडपीठ ने इस वर्ष 12 जुलाई को देश के पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया था. इसके अलावा उसने यह भी कहा था कि अगर यह लाल मस्जिद अभियान एक संज्ञेय अपराध था, तो इस मामले में मुशर्रफ के खिलाफ धर्मगुर और दूसरे लोगों की हत्या का मामला दर्ज किया जाए.
हालांकि पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार करते हुए कहा था कि वह अपनी न्यायिक शाखा से विचार विमर्श करने के बाद ही मामला दर्ज करेगा.