नयी दिल्ली : सीबीआई की एक विशेष अदालत ने आज जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी की उस याचिका पर दलीलों के लिए सुनवाई की तारीख 17 अगस्त निर्धारित कर दी जिसमें आग्रह किया गया है कि पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा द्वारा 2जी घोटाले पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को दिया गया लिखित बयान अदालत के समक्ष रखा जाना चाहिए.
विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओपी सैनी, जो याचिका पर आदेश पारित करने वाले थे, ने स्वामी की ओर से पेश वकील के यह कहने पर इसे 17 अगस्त तक के लिए टाल दिया कि वह मामले में कुछ दलीलें पेश करेंगे.
स्वामी ने पूर्व में दलील दी थी कि जेपीसी को दिया गया राजा का बयान 2जी स्पेक्ट्रम मामले में सच तथा तार्किक अंजाम तक पहुंचने के लिए दस्तावेज का महत्वपूर्ण हिस्सा है.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि सीबीआई के गवाहों से जिरह अधूरी है क्योंकि उन्होंने उन बैठकों के बारे में चर्चा नहीं की जो दूरसंचार मंत्री के रुप में राजा के कार्यकाल के दौरान 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन के संबंध में हुई थीं.
स्वामी ने कहा था कि जेपीसी को दिया गया राजा का बयान बहुत सी बैठकों के बारे में बताता है जो स्पेक्ट्रम आवंटन और उसका मूल्य तय करने के संबंध में आयोजित हुई थीं.
उन्होंने मामले में वित्त मंत्रालय के तत्कालीन अधिकारियों सिंधुश्री खुल्लर और श्यामल शुक्ला को गवाह के रुप में तलब किए जाने की मांग की थी जिससे कि उन बैठकों के दौरान की फाइल नोटिंग्स के बारे में स्पष्टीकरण दे सकें.
स्वामी ने 4 मई को अदालत में याचिका दायर कर कहा था, मामले के सभी पहलुओं की जांच सुनिश्चित करने, असल दोषियों को नामजद करने, मुकदमा चलाने और दंडित करने के लिए यह जरुरी है कि ए राजा द्वारा जेपीसी के समक्ष दायर समूचे बयान को प्रस्तुत किया जाये. उन्होंने सच जानने के लिए जेपीसी की ड्राफ्ट रिपोर्ट और लोक लेखा समिति की ड्राफ्ट रिपोर्ट के साथ 22 अप्रैल को जेपीसी अध्यक्ष पीसी चाको को राजा द्वारा दिया गया लिखित बयान मंगाने तथा तत्कालीन आधारभूत ढांचा निदेशक शुक्ला और आर्थिक मामले विभाग के तत्कालीन अतिरिक्त सचिव खुल्लर को तलब करने का भी अनुरोध किया है.