इस्लामाबाद : भारत में जन्मे पाकिस्तानी उद्योगपति और प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के करीबी सहयोगी ममनून हुसैन अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को एकतरफा चुनाव में मात देकर आज पाकिस्तान के 12वें राष्ट्रपति चुने गए. 73 वर्षीय हुसैन नौ सिंतबर को राष्ट्रपति भवन में शपथ लेंगे. शपथ ग्रहण के बाद हुसैन देश के वर्तमान राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी का स्थान लेंगे. जरदारी का पांच वर्ष का कार्यकाल सितंबर में समाप्त हो रहा है.
सरकारी मीडिया की खबरों के अनुसार, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के उम्मीदवार पूर्व न्यायाधीश वजीहुदीन अहमद को हरा कर हुसैन स्पष्ट विजेता के तौर पर उभरे हैं. असेम्बली में मुख्य विपक्षी दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी :पीपीपी: ने चुनाव से अपने उम्मीदवार रजा रब्बानी का नाम वापस ले लिया था. पार्टी ने मतदान की तारीख छह अगस्त से खिसका कर 30 जुलाई करने के उच्चतम न्यायालय के निर्णय के विरोध में चुनाव का बहिष्कार किया. नेशनल असेम्बली, सीनेट और चार प्रांतीय सभाओं के सदस्यों ने दो प्रत्याशियों के बीच हुई टक्कर के लिए मतदान किया.
चुनाव परिणाम की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त फखरुद्दीन इब्राहिम ने कहा, ‘‘श्रीमान ममनून हुसैन को निर्वाचक मंडल के 432 मत प्राप्त हुए हैं और उन्हें निर्वाचित घोषित किया जाता है.’’उन्होंने कहा कि कुल 887 मत पड़े. इनमें से वजीहुदीन अहमद को महज 77 मत मिले. मतदाताओं द्वारा गलत ठप्पा लगाने के कारण कम से कम नौ मत अवैध घोषित किए गए. संघीय सदनों और चार प्रांतीय सभाओं के 1,100 से ज्यादा सदस्य मतदान करने योग्य थे लेकिन मतदान के दौरान कुछ अनुपस्थित रहे. और विपक्षी दल पीपीपी द्वारा मतदान का बहिष्कार किए जाने के कारण उससे जुड़े सदस्यों ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया.
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान सुबह 10 बजे आरंभ हुआ और दोपहर तीन बजे समाप्त हुआ. भारत के ऐतिहासिक शहर आगरा में जन्मे हुसैन उर्दू भाषी जातिय समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. पीएमएल-एन के उम्मीदवार वर्ष 1947 में विभाजन के दौरान पाकिस्तान आए. हुसैन अगले पांच वर्ष तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहेंगे. चुनाव परिणाम की घोषणा के तुरंत बाद हुसैन ने पीएमएल-एन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.
पाकिस्तान में राष्ट्रपति का पद औपचारिक मात्र है इसके बावजूद वह सेना का संवैधानिक प्रमुख है लेकिन वह सेना की तैनाती के आदेश नहीं दे सकता. वह प्रधानमंत्री की सलाह पर तीनों सेना प्रमुखों की नियुक्ति भी करता है. अभी तक पाकिस्तान में 11 राष्ट्रपति हुए हैं जिनमें से पांच सैन्य जनरल रहे हैं. चार लोगों ने तख्ता पलट के जरिए सत्ता हासिल किया था जबकि पहले राष्ट्रपति मेजर सिकंदर मिर्जा वर्ष 1956 में पहला संविधान अंगीकृत किए जाने के बाद निर्वाचित हुए थे.
सिंध के पूर्व गर्वनर और इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के एलुमनी हुसैन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के पुराने वफादार हैं. पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ के शासन के दौरान भी वह पीएमएल-एन से जुड़े रहे थे. हुसैन ने वर्ष 1965 में इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन से स्नातक की शिक्षा ली. हुसैन जून से अक्तूबर 1999 तक सिंध के गवर्नर रहे. अक्तबूर 1999 में सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ द्वारा नवाज शरीफ का तख्ता पलट किए जाने के बाद उन्हें अपना पद गंवाना पड़ा था.