ढाका : बांग्लादेश के एक विशेष न्यायाधिकरण ने वर्ष 1971 में हुए मुक्ति संग्राम के दौरान मानवता के खिलाफ अपराधों को अंजाम देने के जुर्म में कट्टरपंथी पार्टी जमात-ए-इस्लामी के एक शीर्ष नेता को आज मौत की सजा सुनायी.
जमात के 65 वर्षीय महासचिव अली अहसन मोहम्मद मुजाहिद को अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (2) ने मौत की सजा सुनायी.
न्यायाधीशों के तीन सदस्यीय दल के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ओबैदुल हस्सा ने फैसले का अहम हिस्सा पढ़ते हुए कहा उन्हें तब तक फांसी पर लटकाया जाये जब तक उनकी मौत नहीं हो जाती.
उन्होंने कहा कि मुजाहिद के खिलाफ लगाये गये सात में से पांच आरोप संदेह से परे हैं और अदालत मुक्ति समर्थक कई कार्यकर्ताओं को मार डालने में उनके निजी तौर पर संलिप्त रहने के दो आरोपों पर उन्हें मौत की सजा सुनाती है.
मुजाहिद, जमात की तत्कालीन छात्र शाखा के प्रबंधन से संचालित होने वाले कुख्यात अल-बदर मिलीशिया बल में दूसरे नंबर की हैसियत रखते थे.