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एयर एशिया के लापता विमान का मलबा मिला, अब तक एक अटेंडेंट सहित छह शव मिले

जकार्ता/सिंगापुर : एयर एशिया के लापता विमान की तीन दिन तक चली गहन खोज के बाद आखिकार इसका मलबा इंडोनेशिया के जावा तट के समुद्री इलाके में मिला. बुधवार की सुबह तक एयर एशिया के दुर्घटनाग्रस्त विमान 8501 में सवार छह लोगों का शव अबतक जावा के समुद्र से मिले है. जिसमें एक विमान की […]

जकार्ता/सिंगापुर : एयर एशिया के लापता विमान की तीन दिन तक चली गहन खोज के बाद आखिकार इसका मलबा इंडोनेशिया के जावा तट के समुद्री इलाके में मिला. बुधवार की सुबह तक एयर एशिया के दुर्घटनाग्रस्त विमान 8501 में सवार छह लोगों का शव अबतक जावा के समुद्र से मिले है. जिसमें एक विमान की महिला अटेंडेंट भी है. उसकी पहचान उसके विमानन कंपनी के ट्रेड मार्क वाले रेड यूनिफॉर्म से हुई है. यह विमान बीते रविवार की सुबह लापता हो गया था. हादसे का कारण अब भी रहस्य का विषय बना हुआ है. विमान में कुल 162 लोग सवार थे.

इंडोनेशियाई नौसेना के अधिकारियों ने पहले 40 शव मिलने की बात कही थी, लेकिन राष्ट्रीय खोज एवं बचाव एजेंसी के प्रमुख बमबांग सोएलिसत्यो ने आज देर रात कहा कि सिर्फ तीन शव बरामद किए हैं. इसके साथ ही इस हादसे में किसी के जीवित बचे होने की संभावना काफी धूमिल हो गई है.

बोर्नियो के इंडोनेशियाई हिस्से में जावा तट के निकट समुद्री क्षेत्र में तीन बहते हुए शव मिले. ये दो महिलाओं और एक पुरुष के शव हैं. इंडोनेशिया की समाचार एजेंसी अंतारा ने खबर दी है कि आज खराब मौसम और उंची लहरों के कारण खोज एवं बचाव अभियान पर असर पडा.
सोएलिसत्यो ने कहा, ‘‘कल हम विमान के मलबे को बाहर निकालने की प्रक्रिया को अंजाम देंगे. मौजूदा समय में बाधा उंची लहरें और खराब मौसम हैं.’’ उन्होंने कहा कि खराब मौसम के कारण बचाव अभियान में मदद करने वाले कई विमान और हेलीकॉॅप्टर आज उडान नहीं भर सके.
इंडोनेशिया की नौसेना के पोत केआरआई बांदा आकेह 593 उस इलाके में पहुंच रहा है जहां मलबा पाया गया है. यह पोत मलबे और शवों के स्थान तक पहुंचने में कुछ दूसरे पोतों को मदद करेगा. इंडोनेशियाई नौसेना ने पहले जानकारी दी थी कि एक युद्धपोत ने 40 शव बरामद किए हैं और बचावकर्मियों को निरंतर और शव मिल रहे हैं.
विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की जानकारी मिलने के साथ ही सुराबाया में यात्रियों के रिश्तेदारें की आंखों छलक आई. और वे एक दूसरे को गले लगाकर सांत्वना देते देखे गए. विमान ने सुराबाया से ही सिंगापुर के लिए उडान भरी थी.
इंडोनेशिया के परिवहन मंत्रलय के हवाई परिवहन के कार्यवाहक महानिदेशक जोको मुर्जातमोदो ने पुष्टि की है कि मध्य कलिमंतन के पंगकलां बन में जो मलबा मिला है वह एयर एशिया के विमान क्यूजैड 8501 का है. जोको ने कहा, ‘‘पुष्टि की जाती है कि यह मलबा लाल और सफेद रंग के विमान का है.’’ उन्होंने बताया कि मंत्रलय की बचाव टीम को यह मलबा मिला.
उन्होंने कहा, ‘‘अब बसरनास (राष्ट्रीय खोज और बचाव एजेंसी) के साथ तालमेल से मलबा मिलने वाली जगह पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.’’ उधर, सुराबाया में एयर एशिया के प्रमुख टोनी फर्नांडीस ने आज कहा कि इस घटना को लेकर वह इस एयरलाइन के मुख्य कार्यकारी के ‘सबसे भयावह दु:स्वप्न’ का अनुभव कर रहे हैं. उन्होंने आज पीडित परिवारों के लोगों से मुलाकात की तथा हादसे को लेकर माफी मांगी. नौसेना प्रवक्ता मानाहन सिमोरंगकिर ने एक टीवी चैनल से मलबा और शव मिलने के बारे में पुष्टि की.
राष्ट्रीय खोज और बचाव एजेंसी के प्रवक्ता एम यूसुफ लतीफ ने बताया कि तलाश के दौरान इंडोनेशिया वायु सेना के गश्ती विमान को सबसे पहले मलबा दिखा. मध्य कलिमंतन के पंगकलां बन के दक्षिण पश्चिम में एयर एशिया विमान का मलबा नजर आया था.
यूसुफ ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अनुमान के मुताबिक मलबा 10 बजकर 15 मिनट (स्थानीय समयानुसार) पर मिला.’’ मलबे के स्थान के बारे में पंगकलां बन में दो मछुआरों की ओर से दी गयी सूचना ठीक पायी गयी. उन्होंने कहा था कि रविवार की सुबह उन्होंने धमाके की आवाज सुनी थी. पता चलने के बाद इंडोनेशियाई एजेंसी ने तुरंत ही उस स्थान के लिए एक हेलिकॉप्टर रवाना किया.
यूसुफ ने कहा, ‘‘हमने बसरनास टीम के दो सदस्यों को मलबा निकालने का आदेश दिया है.’’ विमान पर कोई भी भारतीय नागरिक सवार नहीं था. इसमें सवार लोगों में 17 बच्चे शामिल थे.बचाव एवं खोज अभियान के प्रमुख ने इंडोनेशियाई टीवी पर लाइव दिखाए जा रहे एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान बहते हुए एक शव के साथ मलबे की तस्वीर दिखायी. तस्वीर देख रहे विमान पर सवार यात्रियों के रिश्तेदार गमगीन थे. एयर एशिया के सीईओ टोनी फर्नांडीस ने शोकसंतप्त परिजन को ट्वीट किया, ‘‘क्यूजेड में सवार यात्रियों के सभी परिवारों के लिए मेरा दिल बहुत दुखी है.
एयर एशिया की ओर से मैं शोक प्रकट करता हूं.’’ मध्य कलिमंतन प्रांत में निकटवर्ती शहर का जिक्र करते हुए सोयलिस्तयो ने कहा कि सभी संसाधन अब वहां भेजे जा रहे हैं, जहां पर मलबा मिला. शवों तथा अन्य चीजों को पांगकलां बन लाया जाएगा.उन्होंने कहा कि तलाशी में आधुनिक तकनीक से लैस ऐसे जहाजों को लगाया गया है, जिससे पता चल सके कि विमान का बडा हिस्सा कहां पर डूबा है. रविवार को लापता हुए विमान के खोज अभियान में करीब 30 पोत और 15 विमान तथा सात हेलिकॉप्टर लगे हुए हैं.
इंडोनेशिया के नेतृत्व में बहुराष्ट्रीय अभियान में मलेशिया, सिंगापुर और आस्ट्रेलिया शामिल है. भारत, दक्षिण कोरिया, चीन और फ्रांस ने मदद की पेशकश की थी. अमेरिका ने तलाश के लिए अपना एक पोत यूएसएस सैंपसन रवाना किया था.खोज का इलाका मूल रुप से सात क्षेत्रों में बांटा गया और इसे विस्तारित कर 13 कर दिया गया जिसके दायरे में समुद्र, भूमि और हवाई क्षेत्र हैं.

Prabhat Khabar Digital Desk
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