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भारत के कड़े तेवर के बाद बदला पाक का स्टैंड, जेल में ही रहेगा मुंबई हमले का दोषी लखवी

इस्लामाबाद : सोमवार को भारत सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद कुख्यात आतंकवादी जकी-उर-रहमान लखवी को पाकिस्तान सरकार ने जेल में रखने का निर्णय लिया है. इस संबंध में वहां की सरकार ने नया आदेश जारी कर दिया है. यह आदेश एक दूसरे मामले में जारी किया गया है.उसे आज इस्लामाबाद के एक कोर्ट में […]

इस्लामाबाद : सोमवार को भारत सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद कुख्यात आतंकवादी जकी-उर-रहमान लखवी को पाकिस्तान सरकार ने जेल में रखने का निर्णय लिया है. इस संबंध में वहां की सरकार ने नया आदेश जारी कर दिया है. यह आदेश एक दूसरे मामले में जारी किया गया है.उसे आज इस्लामाबाद के एक कोर्ट में अपहरण के एक मामले में पेश भी किया गया.

लखवी को जेल में रखे जाने के पाकिस्तान के नये फैसले के बाद की उत्पन्न परिस्थितियों पर विचार के लिए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने एक बैठक की है. इस बैठक में इस पूरे मामले पर व आतंकी हमलों की चुनौतियों पर गंभीरता से विचार किया गया है.

सोमवार को खबर आयी थी कि मुंबई के 26/11 का दोषी लखी-उर-रहमान लखवी जल्द ही पाकिस्तान के जेल से बाहर आ जायेगा. मुंबई हमले के साजिशकर्ता लखी-उर-रहमान लखवी ने लोक व्यवस्था बनाए रखने संबंधी आदेश (एमपीओ) के तहत खुद को हिरासत में रखे जाने को शनिवार को इस्लामाबाद की हाईकोर्ट में चुनौती दी थी जिसकी सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने लखवी को हिरासत में रखने के आदेश को निलंबित कर दिया.
लखवी के वकील रिजवान अब्बासी के अनुसार, एमपीओ के तहत हिरासत को चुनौती देते हुए जकी-उर-रहमान लखवी ने इस्लामाबाद हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी. उनके अनुसार, लखवी की हिरासत के मामले में कानूनी जरूरतों को पूरा नहीं किया गया. इसके अलावा इस मामले में सरकार ने जिस कानून के आधार का हवाला दिया है, वह टिकने वाला नहीं है. हालांकि उनकी यह दलील अब फेल हो गयी है.
भारत सरकार ने सोमवार को इस मामले में कड़ी आपत्ति दर्ज करायी. विदेश सचिव सुजाता सिंह ने पाकिस्तान के उच्चयुक्त अब्दुल बासित को बुलाकर इस संबंध में कड़ी नाराजगी जतायी थी. साथ ही कूटनीतिक स्तर पर भी भारत ने इस मामले में पहल की थी और पाकिस्तान को कड़ा संदेश भेजा था. भारत सरकार ने इस मामले में पाकिस्तान पर सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का भी दबाव बनाया था.
उल्लेखनीय है कि इस्लामाबाद स्थित आतंकवाद विरोधी अदालत के न्यायाधीश कौसर अब्बास जैदी ने बीते 18 दिसंबर को मुंबई हमले के मामले में सबूत के अभाव का हवाला देते हुए लखवी को जमानत दे दी थी. यह घटना पेशावर स्कूल हमले के तुरंत बाद हुई थी, जिसमें 148 बच्चे व अन्य लोग मारे गये थे. इसके बाद सरकार ने एमपीओ के तहत लखवी को तीन महीने के लिए हिरासत में लिया था.
भारत में संसद सत्र में भी उस समय हंगामा हुआ था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मुद्दे पर बयान देना पड़ा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में अपने दिये बयान में पाकिस्तान के इस कदम को मानवता को सदमा पहुंचाने वाला करार दिया था और कहा था कि पाकिस्तान सरकार के पास मामले में कड़े से कड़े शब्दों में आपत्ति दर्ज कर दी गयी है. मुंबई में 26 नवंबर 2008 को किये गये हमले में 166 लोग मारे गये थे. इस मामले में लखवी सहित अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हम्माद अमीन सादिक, शहीद जमील रियाज, जमील अहमद और यूनुस अंजुम को अभियुक्त बनाया गया है.

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