काहिरा : मिस्र के अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी के समर्थकों और सैनिकों के बीच यहां सेना मुख्यालय के बाहर हुए हिंसात्मक संघर्ष में 42 लोगों की मौत हो गई जिससे सैन्य समर्थित नई अंतरिम सरकार और मुस्लिम ब्रदरहुड के बीच गतिरोध और गहरा गया.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मिस्र की सेना और मुर्सी समर्थित प्रदर्शनकारियों के बीच रिपब्लिकन गार्ड मुख्यालय के बाहर हुई झड़पों में कम से कम 42 लोगों की मौत हो गई जबकि 322 घायल हो गये. सरकारी समाचार एजेंसी ‘मेना’ के अनुसार, सेना ने दो सौ से अधिक हमलावरों को गिरफ्तार किया और उनके पास बंदूकें, विस्फोटक सामग्री थी. झड़पें रिपब्लिकन गार्ड मुख्यालय के बाहर हुईं जहां 61 वर्षीय मुर्सी को ‘सुरक्षा घेरे’ में रखा गया है.
सेना ने एक बयान में कहा कि हथियारबंद आतंकवादी समूह ने रिपब्लिकन गार्ड परिसर में घुसने का प्रयास किया और सैनिकों ने उनपर जवाबी कार्रवाई की. उसने कहा कि सेना के एक जवान की मौत हो गई है जबकि 40 अन्य घायल हो गये हैं. उधर मुस्लिम ब्रदरहुड ने सेना के इस बयान का खंडन किया है और कहा कि सेना ने उसके समर्थकों पर गोलीबारी की और कई मुर्सी समर्थकों की हत्या कर दी.
उल्लेखनीय है कि शक्तिशाली सेना ने बुधवार को 61 वर्षीय राष्ट्रपति को सत्ता से अपदस्थ कर दिया था और उनकी मुस्लिम ब्रदरहुड पार्टी के कुछ वरिष्ठ साथियों को हिरासत में रखा गया था.मीडिया में आई खबरों के मुताबिक इस घटना पर बेहद क्रुद्ध समूह की राजनीतिक शाखा फ्रीडम एंड जस्टिस पार्टी ने ‘मिस्र के महान लोगों से उन लोगों के खिलाफ एक बगावत का आह्वान किया जो उनकी क्रांति को टैंको के जरिये रौंदना चाहते हैं.’उसने अनुरोध किया ‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय और अंतरराष्ट्रीय समूह और विश्व के सभी मुक्त लोग आगे नरसंहार को रोकने के लिये हस्तक्षेप करें. और एक नया सीरिया :बनने से: रोकें.’
शुक्रवार को मुर्सी समर्थकों के विरोध प्रदर्शन के दौरान कम से कम 36 लोगों की मौत हो गई. सेना ने काहिरा और अन्य स्थानों पर सैनिकों को तैनात किया है. ब्रदरहुड नीत ‘नेशनल एलाइंस इन सपोर्ट आफ इलेक्टोरल लेजीटिमेसी’ ने अपदस्थ राष्ट्रपति के समर्थन में और प्रदर्शन करने की शपथ ली.