बीजिंग : चीन ने ‘दुनिया की छत’ कहे जाने वाले तिब्ब्त का सफर आसान बनाने के लिए 2020 तक और भी राजमार्ग तथा हवाई अड्डे बनाएगा जबकि भारत, नेपाल और भूटान से लगी चीनी सरहद के इलाकों को रेलमार्ग से जोडने के लिए परियोजनाएं जारी हैं.
चीन के परिवहन मंत्रालय ने बताया कि इन योजनाओं में 1 लाख 10 हजार किलोमीटर राजमार्ग और 1300 किलोमीटर रेलमार्ग का निर्माण शामिल है. परिवहन मंत्रालय ने बताया कि योजना तब तक 1300 किलोमीटर रेलमार्ग को संचालन योग्य बनाने की है. अभी तिब्बत में छह हवाई अड्डे हैं और चीन की योजना कई और हवाई अड्डे बनाने की है.तिब्बत की राजधानी ल्हासा को शिगात्से से जोडने वाली रेल लाइन पर अगले माह संचालन शुरु हो जाएगा. एक अन्य रेल लाइन के निर्माण का कार्य जल्द ही शुरु होने की उम्मीद है. यह रेल लाइन ल्हासा को नयिंगची से जोडेगी। नयिंगची अरुणाचल प्रदेश के शीर्ष पर स्थित है.
इस बीच चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि रेलमार्ग के विस्तार से 2020 तक नेपाल, भूटान और भारत जुड जाएगा. तिब्बत के रेल कार्यालय के उपनिदेशक यांग यूलिन ने बताया कि 13वीं पंचवर्षीय योजना (2016-2020) के दौरान ग्यीरोंग काउंटी के साथ शिगात्से को जोडने वाली एक रेल परियोजना पर काम शुरु हो जाएगा.
ग्यीरोंग काउंटी अहम है क्योंकि यहां नेपाल को यातुंग काउंटी के साथ जोडने वाली चौकी है. यातुंग काउंटी सिक्किम और भूटान के निकट है और यह भारत तथा भूटान से लगा एक व्यापार केंद्र है. उल्लेखनीय है कि ग्रामीण इलाकों जोडने वाले सडक मार्गों का निर्माण चीन की नीति का एक अहम हिस्सा बन गया है. चीनी संवाद समिति शिन्हुआ की एक रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों की योजना 2020 तक तिब्बत के तमाम गांव को बाहर से कम से कम एक सडक के माध्यम से जोडने की है.