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एमएच-17: घटनास्थल पर संघर्ष विराम की घोषणा,विद्रोहियों ने सौंपे ब्लैकबॉक्स

दोनत्सक (यूक्रेन): रुस समर्थक विद्रोहियों द्वारा मिसाइल के जरिये उड़ाए गये मलेशियाई विमान एमएच17 का ब्लैकबॉक्स आज विद्रोहियों ने सौंप दिया. साथ ही उन्होंने संघर्षविराम की घोषणा भी की है, ताकि अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का दल घटनास्थल की फोरेंसिक जांच करने के लिए वहां का दौरा कर सके. इधर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कल इस […]

दोनत्सक (यूक्रेन): रुस समर्थक विद्रोहियों द्वारा मिसाइल के जरिये उड़ाए गये मलेशियाई विमान एमएच17 का ब्लैकबॉक्स आज विद्रोहियों ने सौंप दिया. साथ ही उन्होंने संघर्षविराम की घोषणा भी की है, ताकि अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का दल घटनास्थल की फोरेंसिक जांच करने के लिए वहां का दौरा कर सके.

इधर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कल इस मामले को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें घटनास्थल तक पूरी पहुंच और जांच में सभी देशों के सहयोग का आह्वान किया गया है.सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य और वीटो की हैसियत रखने वाले रुस ने भी इस प्रस्ताव पर गहन चर्चा की और इसके प्रारुप में कुछ बदलावों के बाद इसका समर्थन किया. जिसमें विमान को मार गिराने के बजाय नीचे गिराना किया गया.

इसमें कहा गया है यह प्रस्ताव अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन दिशा निर्देश के मुताबिक घटना की विस्तृत और स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच के प्रयासों का समर्थन करता है. प्रस्ताव में घटनास्थल तक ह्यअपर्याप्त और सीमित पहुंचह्ण को लेकर गहरी चिंता जताते हुए मांग की गई है कि घटनास्थल और आसपास के इलाकों में नियंत्रण रखने वाले सशस्त्र समूह ऐसी किसी कार्रवाई से बचें जिससे घटनास्थल की प्रामाणिकता से कोई समझौता होता हो.

इस त्रासदी की जांच का नेतृत्व कर रहे नीदरलैंड के जांचकर्ता 280 मृतकों के शवों को अपने कब्जे में लेने की तैयारी कर रहे है. इन्हें ट्रेन से सरकार नियंत्रित शहर खारकिव ले जाया जाना है.

जब गुरुवार को विमान को मार गिराया गया तो उसमें नीदरलैंड के 193 यात्री सवार थे. इन लोगों के अवशेषों को नीदरलैंड ले जाया जाना है. इस घटना के बाद यूक्रेन में तीन महीनों से जारी खूनी संघर्ष का असर अब मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे सुदूर देशों तक भी पहुंच गया है.

विमान को मार गिराए जाने के लिए रुस समर्थित अलगाववादियों को दोषी ठहराया जा रहा है ओैर कहा जा रहा है कि उन्होंने मास्को की ओर से आपूर्ति की गई मिसाइल का प्रयोग करके इस घटना को अंजाम दिया. घटना को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के रोष को देखते हुए विद्रोहियों ने शव और ब्लैकबॉक्स जांचकर्ताओं को सौंपने की स्वीकृति प्रदान की है.

विद्रोहियों की यह प्रतिक्रिया यूरोपीय विदेश मंत्रियों की ब्रसेल्स में रुस पर नए प्रतिबंध लगाने को लेकर हुई बैठक के बाद आई है.स्वघोषित दोनत्सक पीपुल्स रिपब्लिक के प्रधानमंत्री एलक्जेंडर बोरोदाई ने कहा कि दोनों ब्लैकबॉक्स में विमान के कॉकपिट से जुडी जानकारी है जिन्हें मलेशियाई अधिकारियों को सौंप दिया गया है. उन्होंने घटनास्थल से 10 किलोमीटर के क्षेत्र में युद्धविराम की भी घोषणा की है.

कल विद्रोहियों ने नीदरलैंड के फोरेंसिक विशेषज्ञोंको शवों की जांच करने की अनुमति दी थी जिन्हें वातानुकूलित रेलगाडी के डिब्बों में रखा गया था. अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों को भी दुर्घटनास्थल का दौरा करने की छूट दी गई है.

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री टॉनी एबॉट ने कहा, अभी हमें लंबी दूरी तय करनी है. हमने देखा कि सबूतों के साथ बडे पैमाने पर छेडछाड की गई है. जिसे यहीं रोकना पडेगा. इस दुर्घटना मे ऑस्ट्रेलिया के 28 नागरिक मारे गए.

मलेशिया एयरलाइन के विशेषज्ञों ने कहा, ब्लैकबॉक्सों को मामूली क्षति पहुंची है. पिछले चार माह में मलेशिया एयरलाइन के साथ यह दूसरा हादसा है. इससे पहले एमएच 370 विमान हिंद महासागर में लापता हो गया था जिसमें 239 यात्री सवार थे.

विशेषज्ञ दल के एक सदस्य ने कहा, हम एमएच 370 के ब्लैकबॉक्स का पता नहीं लगा पाए थे इसलिए इनके मिलने से हम थोडा खुश हैं.बुरे दौर से जूझ रही विमानन कंपनी ने कल अपना बचाव करते हुए स्पष्ट किया कि उसके विमान के मार्ग को यूक्रेन से सीरिया के हवाई क्षेत्र में परिवर्तित कर दिया गया था.

ब्रसेल्स में यूरोपीय विदेश मंत्रियों की बैठक में रुस पर नए संभव प्रतिबंध लगाने पर विचार किया गया. संयुक्त राष्ट्र ने रुस को विद्रोहियों को मिसाइल उपलब्ध कराने का आरोपी बताया है. इस मिसाइल से ही कथित रुप से विमान को मार गिराया गया.

ओबामा ने इसकी जिम्मेदारी मास्को पर डालते हुए कहा कि राष्ट्रपति व्लादमिर पुतिन को यह साबित करना होगा कि वे एक पूर्ण और निष्पक्ष जांच का समर्थन करते है.इसके जबावमेंमास्को ने कहा कि तथ्य दिखाते हैं कि दुर्घटना से पहले यूक्रेन का एक सैन्य विमान बोइंग 777 से मात्र 3-5 किलोमीटर की दूरी पर उड रहा था.

लेफ्टिनेंट जनरल आंद्रे कार्टोपोलोव ने पूछा, किन मकसदों के साथ एक सैन्य विमान, नागरिक विमान के साथ उड रहा था वह भी उसी उंचाई पर और उसी समय? यूक्रेन के राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेंको ने इसे रुस की गैरजिम्मेदराना और गलत बयानबाजी बताया.

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