वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा यूक्रेन को लेकर काफी चिंतित हैं. इस संबंध में उन्होंने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन से फोन पर बात की है. इससे पहले हाल में ही ओबामा ने यूक्रेन को लेकर रुसी राष्ट्रपति पुतिन से बातचीत की और वहां शांति स्थापित करने में मदद करने को कहा.
बताया जा रहा है कि ओबामा और कैमरन के बीच सहमति बनी कि यदि रुस यूक्रेन में स्थिति को संयमित करने के लिए दृढ उपाय नहीं करता है तो उसपर आगे प्रतिबंध लगाए जाएंगे. बयान में कहा गया कि ओबामा और कैमरन ने इस खबर का भी स्वागत किया कि अलगाववादी यूक्रेनी राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेंको की ओर से एकपक्षीय तौर पर घोषित संघर्षविराम को लागू करने के लिए सहमत हो गए हैं.
दोनों नेताओं ने इस बात पर पुन: जोर दिया कि रुस को सीमा पार से हथियारों और आतंकियों का प्रवाह रोकना चाहिए और अलगाववादी समूहों पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए, उन्हें पोरोशेंको की शांति योजना को लागू करने की दिशा में तत्काल ठोस कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. व्हाइट हाउस ने कहा, ‘‘यदि रुस पूर्वी यूक्रेन में स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए तत्काल कदम उठाने में विफल रहता है तो अमेरिका और यूरोपीय संघ रुस पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाएंगे.’’ ओबामा और कैमरन ने इराक के हालातों और आईएसआईएल के खतरे पर भी चर्चा की. इससे अलग, अमेरिकी उपराष्ट्रपति जो बाइडेन ने पोरोशेंको से बात की और यूक्रेनी सेवा सदस्यों की मौत पर संवेदना जताई. उन्होंने पूर्वी यूक्रेन में यूक्रेनी परिवहन के हेलीकॉप्टर को मार गिराए जाने की घटना पर भी संवेदना जाहिर की.
व्हाइट हाउस ने एक अलग बयान में कहा कि बाइडेन ने संघर्षविराम उल्लंघन की पुष्टि के लिए निरीक्षकों के महत्व और सीमा पार से आतंकियों और हथियारों की आपूर्ति को रोकने की जरुरत को भी रेखांकित किया. बाद में व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नस्ट ने संवाददाताओं को बताया कि अमेरिका यूक्रेन में संकट को समाप्त करने की दिशा में रुस द्वारा उठाए जाने वाले किसी भी कदम का स्वागत करता है. इसमें रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा ड्यूमा को किया गया वह अनुरोध भी शामिल है, जिसमें उन्होंने यूक्रेन में रुसी सैन्य बलों के इस्तेमाल का अधिकार देने वाले प्रस्ताव को रद्द करने के लिए कहा है.