वाशिंगटन : दक्षिण एशिया मामलों के एक शीर्ष अमेरिकी विशेषज्ञ के अनुसार भाजपा के सत्ता में आने और नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर अमेरिका को भारत के प्रति ‘अपने रवैये पर पुनर्विचार’ करना पड सकता है.ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन के इंडिया प्रोजेक्ट में विदेश नीति के वरिष्ठ शोधार्थी स्टीफन कोहेन ने कल भारतीय चुनावों से जुडी एक पैनल चर्चा में कहा, ‘‘अगर मैं संक्षेप में मोदी और उनकी रणनीति की बात करुं तो भारत की आवाज बहुत ज्यादा तेज हो जाएगी और वह कुछ जोखिम वाले, कुछ खतरनाक और कुछ सकारात्मक चीजें करेगा. और मुझे लगता है कि अमेरिकी नीति को भारत के प्रति अपने रवैये पर पुनर्विचार करना होगा.’’ उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में भारत और ध्यान आकर्षित करेगा और अमेरिका को रणनीतिक, राजनीतिक और आर्थिक रुप से इसके अनुसार समायोजन करना होगा.’’
कोहन ने वाशिंगटन में दर्शकों के सामने कहा, ‘‘जो बडा बदलाव मुझे दिख रहा है, हम सब को लगता है कि मोदी भारत की अर्थव्यवस्था बदल देंगे. मुझे लगता है कि अगर मोदी सरकार बनती है ऐसा होगा. इससे उन्हें :मोदी: विदेश नीति में और मजबूती और फायदा होगा और महत्वपूर्ण देशों में चीन, जापान और दक्षिण कोरिया शामिल होंगे. मोदी के चीन, जापान और दक्षिण कोरिया के साथ नजदीकी संबंध हैं जबकि अमेरिका के साथ बुरे संबंध हैं.चर्चा में शामिल दूसरे गणमान्य लोगों में अमेरिका में भारत के राजदूत एस जयशंकर शामिल थे. कोहेन ने कहा, ‘‘वह (मोदी) भारत के लिए रणनीतिक लाभ के लिए इसका इस्तेमाल करेंगे.
वह भारत की ताकत दूसरी जगहों पर बढाने के लिए पूर्व एशिया विशेषकर चीन के साथ आर्थिक संबंध का इस्तेमाल करेंगे.’’ भारत से जुडी किताबें लिख चुके कोहेन को अमेरिका में भारत से जुडी आधिकारिक आवाजों में से एक समझा जाता है. कोहेन ने कहा, ‘‘नेहरुवादी सपना भारत को दुनिया के शीर्ष पांच-छह देशों में लाना था, मुझे लगता है कि वह (मोदी) इसे क्रियान्वित करेंगे.’’