सोल : दक्षिण कोरिया के दक्षिणी समुद्र तट के पास आज एक जहाज के डूब जाने से 4 लोगों की मौत हो गयी जबकि 300 के करीब लापता हैं जिनकी जहाजों और हेलीकॉप्टरों के जरिए तलाश जारी है. नौका में 459 लोग सवार थे जिनमें ज्यादातर हाई स्कूल के छात्र थे जो एक पर्यटन द्वीप पर छुट्टी मनाने जा रहे थे. कम से कम 4 लोगों की मौत हो गई और 55 अन्य घायल हो गए.
काफी संख्या में लोगों का अता पता नहीं चल पाया है जिनके नौका में फंसे होने या समुद्र में बह जाने की आशंका है. इससे मृतकों की संख्या में काफी इजाफा हो सकता है और इस तरह से यह 1993 के बाद से दक्षिण कोरिया का सबसे बडी नौका दुर्घटना हो सकती है, जब 292 लोग मारे गए थे. लिम हूंग मिन नाम के एक छात्र ने सुरक्षित निकलने के बाद बताया कि वह और अन्य छात्र जीवन रक्षक जैकेट पहन कर समुद्र में कूद गए थे और फिर तैर कर पास की बचाव नौका तक पहुंचे.
उसने बताया, नौका झुक गई थी, हम सभी टकरा रहे थे और एक दूसरे पर गिर रहे थे. कुछ लोगों का खून निकल रहा था. कूदने के बाद उसने पाया कि समुद्र का पानी काफी ठंडा था. स्थानीय टीवी चैनलों ने दुर्घटनाग्रस्त जहाज सेवोल की सीधी तस्वीरें प्रसारित की, जिसमें यह धीरे धीरे डूबता नजर आ रहा है और इस पर सवार यात्री पानी में छलांग लगा रहे हैं या उन्हें हेलीकॉप्टरों के जरिए उपर खींचा जा रहा है. कुछ ही घंटों में पूरा का पूरा जहाज डूब गया. ब्योंगपंग द्वीप के पास करीब 160 तट रक्षक और नौसेना के गोताखोर जहाज के मलबे की तलाश कर रहे हैं. यह द्वीप सोल से करीब 470 किलोमीटर दूर है.
सुरक्षित निकाले गए कई लोगों को पास के जिंदो द्वीप पर ले जाया गया जहां मेडिकल टीमों ने उन्हें गुलाबी कंबलों में लपेट रखा है. इस समुद्री क्षेत्र में पानी का तापमान करीब 12 डिग्री सेल्सियस है. यह जहाज दक्षिण कोरिया के उत्तर पश्चिम शहर इंचीयोन से बीती रात रवाना हुआ था, यह पर्यटन स्थल जेजू द्वीप की 14 घंटे की यात्रा पर था.
दक्षिण कोरिया के लोक प्रशासन एवं सुरक्षा मंत्रालय के उप मंत्री ली ग्योंग ओग ने बताया कि जहाज पर चालक दल के 30 सदस्य, 325 छात्र, 15 शिक्षक और 89 अन्य यात्री सवार थे. सरकार के एक मंत्री कांग ब्युंग क्यु ने बताया कि 164 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है जिनमें 55 घायल हैं. अधिकारियों ने बताया कि 292 लोग लापता है.
सुरक्षा एवं लोक प्रशासन मंत्रालय के मुताबिक आज सुबह नौ बजे जहाज से आपात संदेश भेजा गया. अधिकारियों को मालूम नहीं हो सका है कि इसके डूबने की क्या वजह है, उन्होंने बताया कि उनका ध्यान अभी जीवित यात्रियों को सुरक्षित निकालने का है. योनहॉप समाचार एजेंसी ने बताया कि 146 मीटर लंबे इस जहाज का निर्माण 1994 में जापान में हुआ था और इस पर अधिकतम 921 लोग सवार हो सकते हैं.