सैन फ्रांसिस्को:माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज एक्सपी और ऑफिस 2003 का फाइनल सिक्यॉरिटी अपडेट मंगलवार को जारी किया. दरअसल सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट्स ने कहा था कि अगर इन प्रॉडक्ट्स को बंद नहीं किया गया तो ये दोनों जल्द ही साइबर अटैक का निशाना बन सकते हैं.
मई के बाद नहीं मिलेगा प्रोटेक्शन
सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट्स ने कंज्यूमर्स और कॉर्पोरेट यूजर्स को सलाह दी है कि वे अगले महीने तक विंडोज एक्सपी से चलने वाले कंप्यूटर्स को रिप्लेस कर दें या उनको मॉडर्न वर्जन से अपग्रेड करा लें. मई के बाद इनको नये सिक्यॉरिटी रिस्क से प्रोटेक्शन नहीं मिल पायेगा. माइक्रोसॉफ्ट हर महीने दूसरे मंगलवार को नये सिक्यॉरिटी अपडेट्स करता है. ये पैच ट्यूजडे कहलाते हैं. इन दिन कंपनी उन सिक्यॉरिटी बग्स के टेक्निकल डीटेल भी पब्लिश करती है, जिनको वह फिक्स कर रही है. अगला पैच ट्यूजडे 13 मई को है.
अटैकर्स के लिए होगा अक्सेलरेटर सिक्यॉरिटी
एक्सपर्ट्स के मुताबिक वे हैकर डेटा को स्टडी करेंगे और विंडोज एक्सपी पर चलने वाले कंप्यूटर्स के अलावा ऑफिस 2003 पर हमले करने के तरीके ढूंढने के लिए मई वाले पैच ट्यूजडे सॉफ्टवेयर अपडेट्स की रिवर्स इंजिनियरिंग करेंगे. इनके सिक्यॉरिटी पैच माइक्रोसॉफ्ट जारी नहीं करेगी. साइबर सिक्यॉरिटी फर्म क्वॉलिस इंक के चीफ टेक्नॉलजी ऑफिसर वूल्फगैंग कैंडेक ने कहा, अटैकर्स इसको अक्सेलरेटर के तौर पर इस्तेमाल करेंगे.
नये वजर्न साइबर अटैक से सुरक्षित
माइक्रोसॉफ्ट चाहती है कि यूजर्स जल्द से जल्द ऑपरेटिंग सिस्टम के मॉडर्न वर्जन में अपग्रेड कर जायें. शायद इसलिए कि कंपनी ने पिछले एक दशक में अपने सॉफ्टवेयर में बहुत से नये सिक्यॉरिटी फीचर्स जोड़े हैं. इनसे यह साइबर अटैक से बचने में काफी कारगर साबित हो रहा है. दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर मेकर कंपनी ने 2007 में कहा था कि वह विंडोज एक्सपी का सपोर्ट खत्म करने जा रही है. सिक्यॉरिटी फर्मो के मुताबिक, दुनिया के 15 से 25 फीसदी पर्सनल कंप्यूटर्स पर अब भी ऑपरेटिंग सिस्टम के अक्तूबर 2001 से पहले का वर्जन चल रहा है.