11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

एनपीए का इतिहास

वर्ष 2000 के आखिर तक इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में क्रेडिट आधारित उछाल का दौर आया था. वर्ष 2004-05 से 2008-09 के बीच गैर-खाद्य क्षेत्र बैंक क्रेडिट (खाद्य क्षेेत्रों के इतर अन्य सेक्टर को दिये गये कर्ज) दोगुना हो गया और जीडीपी के सापेक्ष निवेश (विशेषकर निजी क्षेत्र में) भी तेजी से बढ़ा. ऊर्जा से लेकर इस्पात […]

वर्ष 2000 के आखिर तक इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में क्रेडिट आधारित उछाल का दौर आया था. वर्ष 2004-05 से 2008-09 के बीच गैर-खाद्य क्षेत्र बैंक क्रेडिट (खाद्य क्षेेत्रों के इतर अन्य सेक्टर को दिये गये कर्ज) दोगुना हो गया और जीडीपी के सापेक्ष निवेश (विशेषकर निजी क्षेत्र में) भी तेजी से बढ़ा. ऊर्जा से लेकर इस्पात और दूरसंचार तक ढांचागत क्षेत्र से जुड़े लगभग हर सेक्टर ने अपना व्यवसाय बढ़ाने के लिए कर्ज लिया और बैंकों ने भी खूब कर्ज बांटे. वर्ष 2012 में शुरू हुए नीतिगत अपंगता के दौर के साथ यह दौर खत्म हो गया.

सुधारवादी काम अवरुद्ध हो गये, कई योजनाएं अधर में अटक गयीं और औद्योगिक विकास ठहर सा गया. वर्ष 2007 से 2011 तक फंसे कर्ज का हिस्सा कुल अग्रिमों का 2.3 से 2.5 प्रतिशत के बीच रहा. साल 2012 के अंत तक यह 3.1 प्रतिशत पर पहुंचा़ उसके बाद से यह निरंतर बढ़ता ही जा रहा है़

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें