इसलामाबाद: स्वदेश भेजने के लिए पाकिस्तान में भारतीय दूतावास से संपर्क करनेवाली भारतीय महिला ने आरोप लगाया है कि उसे पाकिस्तानी नागरिक के साथ शादी करने के लिए बंदूक तान कर मजबूर किया गया. इसके साथ ही इस मामले में एक नया मोड आ गया है. उजमा ने इस्लामाबाद अदालत में अपने पति ताहिर अली के खिलाफ याचिका दायर की है. उसने अपने पति पर प्रताडना और धमकाने का आरोप लगाया है. महिला ने अपना बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष दायर कर दिया है.
जियो न्यूज की खबर के मुताबिक महिला ने आरोप लगाया है कि उस पर बंदूक तानकर जबरन शादी करायी गयी. महिला ने कहा, ‘मेरा आव्रजन दस्तावेज छीन लिया गया.’ महिला ने कहा है कि वह भारतीय उच्चायोग परिसर छोड़ कर तब तक नहीं जाना चाहती है जब तक उसे सुरक्षित भारत भेज नहीं दिया जाता. खबरों के मुताबिक उजमा के पति ने उससे उच्चायोग में सोमवार की सुबह मुलाकात की थी, लेकिन वह अदालत में मौजूद नहीं था.
नयी दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग ने कहा है कि आव्रजन दस्तावेज के मुताबिक उजमा ने विजीट कैटेगरी से वीजा प्राप्ता किया था. पाकिस्तानी अधिकारियों ने बताया कि जब महिला ने वीजा के लिए आवदेन किया था, तो उसने पाकिस्तान में शादी करने की योजना के बारे में नहीं बताया था. महिला ने पाकिस्तान में अपने रिश्तेदारों से मुलाकात करने की बात कही थी. उजमा ने पिछले सप्ताह भारतीय उच्चायोग से भारत भेजे जाने को लेकर संपर्क किया था, लेकिन उसके पति ने आरोप लगाया कि उच्चायोग ने उसकी पत्नी को अपने कब्जे में रखा है.
पाकिस्तान विदेश विभाग प्रवक्ता नफीस जकारिया ने रविवारको एक बयान में कहा, ‘भारतीय उच्चायोग ने विदेश मंत्रालय को सूचित किया है कि भारतीय नागरिक उजमा (20 वर्ष) ने भारत भेजे जाने को लेकर उनसे संपर्क किया है.’ जकारिया ने बताया कि भारतीय उच्चायोग के अनुसार महिला ने अली से शादी करने का दावा किया था और आरोप लगाया कि उसे शादी के बाद पता चला कि अली पहले से ही शादीशुदा है और उसके चार बच्चे भी हैं.
दिल्ली में सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारतीय महिला ने इसलामाबाद में भारतीय उच्चायोग से पांच मई को मदद मांगी थी. सूत्रों ने बताया कि भारतीय उच्चायोग महिला को जरूरी दूतावास संबंधी मदद दे रहा है और पाकिस्तान विदेश विभाग के साथ और महिला के परिवार के साथ संपर्क में है.
उजमा के पति के मुताबिक उजमा और अली की मुलाकात कथित तौर पर मलेशिया में हुई थी और वह वाघा बॉर्डर से होते हुए एक मई को पाकिस्तान पहंचे. उन दोनों का निकाह तीन मई को हुआ, लेकिन स्थिति उस समय बदल गयी जब शुक्रवार को वह दोनों भारतीय उच्चायोग पहुंचे. उजमा उच्चायोग के अंदर पहुंची और वापस नहीं लौटी. अली ने स्थानीय पुलिस में मामला दर्ज कराया कि उजमा की मर्जी के विरोध में उसे कब्जे में ले लिया गया.