रांची: लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों पर इस बार कैमरे की नजर रहेगी. चुनाव प्रचार से मतदान तक उम्मीदवारों पर तीसरी आंखें जमी होंगी. चुनाव आयोग ने सभी उपायुक्तों को प्रत्याशियों की वीडियो रिकॉर्डिग करने का निर्देश जारी किया है.
आयोग ने उपायुक्तों को आपराधिक रिकार्ड रखने वाले प्रत्याशियों पर विशेष नजर रखने का निर्देश दिया है. स्वच्छ छवि के प्रत्याशियों की सार्वजनिक सभाओं की वीडियो रिकार्डिग की जायेगी, वहीं आपराधिक रिकार्ड रखनेवाले प्रत्याशियों की गतिविधियों की रिकॉर्डिग 24 घंटे होगी. आपराधिक रिकार्ड वाले प्रत्याशी जहां भी जायेंगे, जिला प्रशासन द्वारा नियुक्त कैमरामैन उनके पीछे साये की तरह लगे रहेंगे.
बाहर से आयेंगे वीडियोग्राफर : आपराधिक छविवाले प्रत्याशियों पर निगाह रखने के लिए संबंधित विधानसभा क्षेत्र के बाहर से कैमरामैन बुलाये जायेंगे. वीडियोग्राफी का खर्च जिला मुख्यालय उठायेगा. उपायुक्त सह जिला निर्वाची अधिकारी आयोग की अनुमति प्राप्त कर वीडियोग्राफी का शुल्क देंगे. चुनाव के दौरान प्रत्याशियों द्वारा खर्च की जानेवाली राशि पर लगाम लगाने के लिए चुनाव आयोग ने प्रत्याशियों की वीडियो रिकार्डिग के लिए कड़े निर्देश दिये हैं. आयोग ने कहा है कि मामले में किसी भी तरह की गड़बड़ी पाये जाने पर तुरंत कार्रवाई की जायेगी. वीडियो रिकॉर्डिग बनाने के दौरान यदि किसी प्रत्याशी ने विरोध किया, तो उसकी जानकारी भी आयोग को अविलंब उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है.