बेरुत : सीरिया ने शुक्रवार सुबह अमेरिका की ओर से सरकार नियंत्रित एयरबेस पर किये गये मिसाइल हमले की कड़ी निंदा की है. उसने कहा है कि यह एक ‘रोषपूर्ण’ कार्रवाई है, जिससे नुकसान हुआ है. वहीं, विद्रोहियों ने अमेरिकी हमले का स्वागत किया है. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि जिस एयरबेस पर हमला किया गया है, उसका इस्तेमाल असद शासन ने इस सप्ताह की शुरुआत में घातक रासायनिक हमला बोलने के लिए किया था.
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि होम्स के दक्षिणपूर्व में स्थित शाएरात एयरबेस पर लगभग 60 यूएस टोमाहॉक मिसाइलें दागी गयीं. दो रनवे वाले इस छोटे से एयरबेस से अक्सर विमान उत्तरी एवं मध्य सीरिया में बम गिराने के लिए उड़ान भरते हैं. अमेरिकी मिसाइलें शुक्रवार तड़के तीन बजकर 45 मिनट पर दागी गयीं. इन्होंने एयरबेस की हवाई पट्टियों, हैंगरों, नियंत्रण टावरों और युद्धक सामग्री वाले क्षेत्रों को निशाना बनाया.
भूमध्यसागर में दो युद्धपोतों से दागी गयीं मिसाइलें
अमेरिका की ओर से शुक्रवार तड़के सीरिया के एयरबेस पर मिसाइलें भूमध्यसागर में दो युद्धपोतों से दागी गयीं हैं. इन्हें मंगलवार के घातक रासायनिक हमले के जवाब में दागा गया. अधिकारियों का कहना है कि इस हमले में क्लोरीन मिले एक नर्व एजेंट, संभवत: सेरिन का इस्तेमाल किया गया.
सीरियन टीवी पर एक सैन्य अधिकारी के हवाले से कहा गया कि शुक्रवार सुबह मध्य सीरिया में एक एयरबेस को निशाना बनाया गया, जिससे साजो-सामान संबंधी नुकसान हुआ है. एक अन्य बयान में एक अज्ञात अधिकारी के हवाले से ‘नुकसानों’ की बात कही गयी है. अधिकारियों ने विस्तृत जानकारी नहीं दी.
मध्य सीरिया में किये गये अधिकतर हमले
होम्स प्रांत के गवर्नर तलाल बराजी ने फोन पर बताया कि ऐसा लगता है कि अधिकतर हमले मध्य सीरिया में प्रांत को निशाना बनाने के लिए किये गये थे. उन्होंने यह भी कहा कि हमलों का उद्देश्य जमीन पर मौजूद आतंकियों को सहयोग देना था. उन्होंने अल अरबिया टीवी को बताया कि एयरबेस पर दो घंटे तक आग लगी रही, जब तक इस पर काबू नहीं कर लिया गया.
सीरिया के एक विपक्षी समूह सीरियन कोएलिशन ने अमेरिकी हमले का स्वागत करते हुए कहा कि यह ‘सजा से बचे रहने’ के दौर का अंत करता है और यह महज एक शुरुआत होनी चाहिए. यह बमबारी ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद जारी किया गया सबसे नाटकीय सैन्य आदेश है. ट्रंप ने ‘सभी सभ्य देशों’ से अपील की है कि वे सीरिया में मचे रक्तपात को खत्म करने के लिए अमेरिका के साथ आएं.
रासायनिक हमले के बाद सीरिया पर बढ़ रहा अंतरराष्ट्रीय दबाव
उत्तरी सीरिया में रासायनिक हमले के बाद से राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है. यहां तक कि उसका करीबी सहयोगी रूस भी कह रहा है कि उसका समर्थन बिना शर्त का समर्थन नहीं है और अमेरिका सीरिया में सरकार के नियंत्रण वाले एयरबेस पर मिसाइल हमले कर रहा है.
इसी बीच, तुर्की ने कहा कि मंगलवार के हमले के पीड़ितों से लिए नमूनों से यह संकेत मिलते हैं कि ये लोग बेहद जहरीले नर्व एजेंट सेरिन के संपर्क में आये थे. खान शेखुन में हुए इस हमले में 80 से ज्यादा लोग मारे गये थे. सीरिया ने रासायनिक हमलों से जुडे आरोपों को खारिज कर दिया. मास्को ने चेतावनी दी थी कि जब तक जांच नहीं हो जाती, तब तक कुछ भी आरोप नहीं लगाना चाहिए.
हवाई ठिकानों पर अमेरिकी हमले में अनेक लोगों की मौत
सीरिया के हवाई ठिकानों पर अमेरिकी सेना के हमले में अनेक लोगों की मौत की भी खबर है. सीरिया के होम्स प्रांत के गवर्नर तलाल बराजी ने बताया कि अनेक लोग शहीद हुए हैं, लेकिन अभी हमें इस हमले में शहीद अथवा घायल होने वालों की संख्या के बारे में पता नहीं है. उन्होंने कहा कि ठिकानों के कुछ हिस्सों में आग लग गयी थी, जिस कारण कुछ लोग झुलस गये.
उन्होंने कहा कि नुकसान का आकलन करने में कुछ समय लगेगा. बराजी ने कहा कि निश्चित रूप से हम इसकी निंदा करते हैं. सीरिया के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर की गयी सभी कार्रवाई निंदनीय हैं. उन्होंने कहा कि ठिकानों पर तैनात बल पाल्मायरा क्षेत्र में इस्लामिक स्टेट समूह के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण सहायता उपलब्ध कराने के लिए हैं. सीरियाई सैनिकों ने पिछले माह इस इलाके को जिहादियों के कब्जे से मुक्त कराया था.