लंदन : ब्रिटेन के उपरी सदन हाउस ऑफ लॉर्ड्स में ब्रेग्जिट से जुडे एक विधेयक में संशोधन को लेकर मतदान के दौरान प्रधानमंत्री टेरीजा मे को पहली संसदीय हार का सामना करना पडा. जब सदन ने ब्रिटेन के निकलने के बाद यूरोपीय संघ के नागरिकों के अधिकारों की गारंटी देने वाले संशोधन के हक में मतदान किया.
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ब्रेग्जिट विधेयक पर टेरीजा को पहली हार का सामना करना पडा
लंदन : ब्रिटेन के उपरी सदन हाउस ऑफ लॉर्ड्स में ब्रेग्जिट से जुडे एक विधेयक में संशोधन को लेकर मतदान के दौरान प्रधानमंत्री टेरीजा मे को पहली संसदीय हार का सामना करना पडा. जब सदन ने ब्रिटेन के निकलने के बाद यूरोपीय संघ के नागरिकों के अधिकारों की गारंटी देने वाले संशोधन के हक में […]
हाउस ऑफ लॉर्ड्स में कल संशोधन के लिए 256 के मुकाबले 358 मत पडे. इस संशोधन में ब्रेग्जिट के बाद ब्रिटेन में रह रहे यूरोपीय संघ नागरिकों के अधिकारों को सुरक्षित रखने पर जोर दिया गया है. इस सदन में मे की कंजरवेटिव पार्टी को बहुमत नहीं हासिल है. संशोधन के पक्ष में मतदान किये जाने के बाद अब सरकार को अनुच्छेद 50 के तहत तीन माह के भीतर प्रस्तावों को पेश करना होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जाये कि ब्रेग्जिट के बाद ईयू नागरिकों को ब्रिटेन में पहले की तरह रहने का अधिकार मिल सके.
बहरहाल, हाउस ऑफ लार्ड्स में सरकार को मिली यह हार प्रतीकात्मक ही साबित हो सकती है. जब यह विधेयक हाउस ऑफ कॉमंस में आएगा तो सांसद इस संशोधन को पलट सकते हैं. ईयू से अलग होने के लिए बनाये गये विभाग ने कहा, हम निराश है कि लॉर्ड्स ने इस विधेयक में संशोधन करने का चयन किया जबकि कॉमंस ने इसे बिना संशोधन के पारित कर दिया था.
इस विधेयक का स्पष्ट उद्देश्य है कि जनमत संग्रह के नतीजे को लागू किया जाये और सरकार को बातचीत शुरु करने की अनुमति दी जाये. सरकार हाउस ऑफ कॉमंस में इस विधेयक में संशोधन को पलटने को लेकर आश्वस्त है. हाउस ऑफ कॉमंस में 13 और 14 मार्च को यह संशोधित विधेयक पेश किया जाएगा, जहां सांसद इस पर चर्चा करेंगे कि क्या इन बदलावों को बनाये रखना चाहिये.
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