अगर क्रिकेट को यहां मज़हब का दर्जा दिया जाता, तो वजह भी समझ आती है. गली-मोहल्ले से लेकर मैदान तक, हर जगह क्रिकेट में हाथ आज़मा रहा बच्चा सचिन तेंडुलकर या ज़हीर ख़ान से कम कुछ भी बनने को तैयार नहीं है.
लेकिन इस खेल में टिकने लायक बनने में कितनी मेहनत और वक़्त लगता है, इसका अंदाज़ा हममें से कई को नहीं होगा.
यही जानने के लिए बीबीसी संवाददाता सुशांत मोहन ने क्रिकेट चैलेंज लिया और कुछ दिन प्रोफ़ेशनल कोच की देखरेख में बल्लेबाज़ी की ट्रेनिंग ली.
और फिर वो मैदान में उतरे और उनके सामने थे तेज़ रफ़्तार गेंदबाज़. उन्हें सीमित ओवर का एक लक्ष्य दिया गया, जिस तक पहुंचने की कोशिश उन्होंने की. वो कामयाब रहे या नाकाम, वीडियो देखें.