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झारखंड में 67 फीसदी किशोरियां एनिमियाग्रस्त

रांची : झारखंड में लड़कियों-बालिकाओं की स्थिति अच्छी नहीं है. स्वास्थ्य, शिक्षा व सामाजिक सुरक्षा इसका पैमाना है. राज्य में 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों की संख्या 65 लाख (जनगणना-2011) है. गैर सरकारी संस्था असर की रिपोर्ट के मुताबिक लड़कियों में स्वास्थ्य की हालत ठीक नहीं है. राज्य की 67 फीसदी (देश का […]

रांची : झारखंड में लड़कियों-बालिकाओं की स्थिति अच्छी नहीं है. स्वास्थ्य, शिक्षा व सामाजिक सुरक्षा इसका पैमाना है. राज्य में 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों की संख्या 65 लाख (जनगणना-2011) है. गैर सरकारी संस्था असर की रिपोर्ट के मुताबिक लड़कियों में स्वास्थ्य की हालत ठीक नहीं है. राज्य की 67 फीसदी (देश का औसत 55.8 फीसदी) से अधिक किशोरियां एनिमियाग्रस्त हैं. यह आंकड़ा देश भर में सर्वाधिक है.

शिक्षा संबंधी रिपोर्ट के अनुसार कक्षा एक से आठ तक में करीब 97 फीसदी लड़कियों का नामांकन होता है, लेकिन इनमें से नौवीं व दसवीं कक्षा में सिर्फ 25 फीसदी तथा 11वीं व 12वीं कक्षा में सिर्फ 12 फीसदी लड़कियां ही पहुंच पाती हैं. शिक्षा व स्वास्थ्य की बदतर हालत के अलावा लड़कियों को बाल विवाह जैसी कुरीतियां भी झेलनी होती हैं. देश भर में बिहार व राजस्थान के बाद सबसे अधिक बाल विवाह झारखंड में ही होते हैं.

राज्य की करीब आधी (48 फीसदी) लड़कियों की शादी 18 वर्ष से पहले हो जाती है. राज्य में प्रति वर्ष करीब 3.50 लाख लड़कियों की शादी होती है. इनमें से 1.8 लाख बाल विवाह होते हैं (एनुअल हेल्थ सर्वे 2011 व 12). बाल विवाह निषेध कानून-2006 के तहत बाल विवाह कराना गैर जमानती अपराध है. दूसरी ओर झारखंड में इस कानून के तहत अब तक सिर्फ चार मामले (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) ही दर्ज किये गये हैं. लड़कियों की तस्करी एक अन्य बड़ी समस्या है, जिससे झारखंड जूझ रहा है. यूनिसेफ की रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड से प्रति वर्ष लगभग 35 हजार लड़कियों की तस्करी होती है. रिपोर्ट के अनुसार गरीबी व अशिक्षा इसकी जड़ में है.

* एनिमिया से बचाव के उपाय : हर सप्ताह आयरन फॉलिक एसिड (आइएफए) टैबलेट खाने से लड़किया कुपोषण (एनिमिया) से बच सकती हैं. नीले रंग की यह गोली स्कूलों की छठी से 12वीं कक्षा तक की लड़कियों को नि:शुल्क दी जाती है. वहीं स्कूल नहीं जानेवाली लड़कियों को यह गोली आंगनबाड़ी केंद्रों पर मिलती है. कई लड़कियां गोली से चक्कर आने व उल्टी की शिकायत करती हैं. विशेषज्ञों के अनुसार भोजन के बाद एक गिलास पानी के साथ गोली खाने से यह समस्या नहीं होती.

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