दांतों के उपचार की एक नयी तकनीक विकसित की गयी है. इसे विकसित करने वाले चिकित्सकों का दावा है कि अब संक्रमित दांतों का उपचार दर्दरहित और सस्ता होगा. दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के चिकित्सकों ने इस नयी तकनीक ‘सीलबायो’ का विकास किया है.
सीलबायो नाम की इस विकसित तकनीक में शरीर के स्टेम सेल का उपयोग किया जाता है और यह परंपरागत रूट कनाल चिकित्सा पद्धति सस्ती और आसान होगी.
इसमें यह है खास
इस तकनीक में रूट कनाल उपचार के क्र म में संक्र मित दांतों की सफाई कर दांतों के गड्ढों में कृत्रिम पदार्थ भरे जाने के बजाय मरीज के ही शरीर के स्टेम सेल का उपयोग किया जाता है, जो दांत व मसूड़े की मरम्मत करने और नये ऊतकों के निर्माण में सक्षम होते हैं.
एम्स के डिपार्टमेंट ऑफ कंजरवेटिव डेंटिस्ट्री एंड एंडोडोंटिक्स के डॉ नसीम शाह और अजय लोगानी द्वारा विकसित पद्धति को ऑस्ट्रेलिया में पेटेंट मिल चुका है और अमेरिकी पेटेंट हासिल करने की प्रक्रि या चल रही है.