मुंबई :आठ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब अचानक रात आठ बजे नोटबंदी का एलान किया तो नोटबंदीशब्दऔर नरेंद्र मोदी के साथ एक और शख्स राष्ट्रीय मीडिया में चर्चा में आ गया. उस शख्स का नाम अनिल बोकिल है. मीडिया रिपोर्टों में कहा गया कि पुणे के अनिल बोकिल ही वह शख्स थे, जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बड़े नोटों को प्रतिबंधित करने का सुझाव दिया था. अब खबर है कि वही बोकिल इस फैसले के बाद नरेंद्र मोदी सरकार से नाराज हैं.उनकी नाराजगी इस बात को लेकर है कि नोटबंदी पर सरकार के फैसले में उनके सारे सुझावों को शामिल नहीं किया गया.इस मामले में अनिल बोकिल ने मुंबई मिरर अखबार से बातचीत में अपनी नाखुशी जाहिर करते हुए कहा है कि सरकार ने बेहोशी की दवा दिये बिना ऑपरेशन कर दिया है.
क्या था अनिल बोकिल का रोडमैप?
बोकिल के मुताबिक उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल कर उन्हें कालेधन पर रोक को लेकर जो सुझाव दिये थे, उनमें पांच बातें थीं :
1. केंद्र या राज्य सरकारों के साथ-साथ स्थानीय निकायों द्वारा वसूले जाने वाले सभी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों का पूर्ण खात्मा.
2. इन्हें टैक्सेज बैंक ट्रांजेक्शन टैक्स (बीटीटी) में तब्दील किया जाना था. इसके अंतर्गत बैंक के अंदर सभी प्रकार के लेनदेन पर करीब दो प्रतिशत लेवी लागू होना था. यह प्रक्रिया सोर्स पर सिंगल पॉइंट टैक्स लगाने की होनी थी. इससे प्राप्त पैसों को सरकार के खाते में विभिन्न स्तर पर बांट दिया जाना था. इस बंटवारे का अनुपात केंद्र, राज्य, स्थानीय निकाय आदि के लिए क्रमशः 0.7%, 0.6%, 0.35% के हिसाब से होता. इसमें संबंधित बैंक को भी 0.35% हिस्सा मिलता. हालांकि बीटीटी रेट तय करने का हक वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास होता.
3. कैश ट्रांजेक्शन पर कोई टैक्स नहीं लिया जाये.
4. सभी तरह की ऊंचे मूल्य की करंसी (50 रुपये से ज्यादा की मुद्रा) वापस लिए जायें.
5. सरकार निकासी की सीमा 2,000 रुपये तक किये जाने के लिए कानूनी प्रावधान करे.
अब क्या कह रहे हैं अनिल बोकिल?
अनिल बोकिल का दावा है कि अगर ये सभी सुझाव एक साथ मान लिये गये होते, तो इससे आम आदमी को तो फायदा होता ही, पूरी व्यवस्था में भी बड़ा बदलाव आता. हालांकि वह अब भी निराश नहीं हैं. वह कहते हैं, ‘सब कुछ खत्म हो गया, हम ऐसा नहीं मान रहे. हम सब देख रहे हैं. लेकिन, सरकार ने बेहोशी की दवा दिये बिना ऑपरेशन कर दिया. इसलिए मरीजों को जान गंवानी पड़ी.