इस्लामाबाद: पाकिस्तान के शक्तिशाली सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ ने 29 नवंबर को अवकाश ग्रहण करने से पहले आज अपना विदाई दौरा शुरू किया, जिससे उनको सेवा विस्तार दिये जाने से जुड़ी अटकलों पर विराम लग गया. सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल असीम सलीम बाजवा ने कहा, ‘‘सेना प्रमुख ने आज लाहौर से अपने विदाई दौरे की शुरुआत की.’ बाजवा ने बताया कि जनरल राहील ने सैनिकों से मुलाकात की और ‘‘(लाहौर) गैरिसन में सैनिकों और रेंजरों की बड़ी सभा को संबोधित किया.’ जनरल राहील ने कहा कि शांति और स्थिरता के कार्य को पूरा करना आसान काम नहीं था.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे बलिदानों और देश के संयुक्त संकल्प ने देश की सभी मुश्किलों को हल करने में मदद की’ नियंत्रण रेखा पर जारी तनाव के बीच जाहिरा तौर पर भारत के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘‘हम लोग किसी भी चुनौती का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और कोई भी पाकिस्तान की ओर बुरी नजर से देखने की हिम्मत नहीं कर सकता.’ जनरल राहील ने कहा कि उत्तरी वजीरिस्तान में आतंकियों के खिलाफ सैन्य अभियान ‘जर्ब-ए-अज्ब’ से पाकिस्तान अधिक सुरक्षित हुआ है स्थिरता आयी है. साथ ही अधिक आशा और नेतृत्व की भावना पैदा हुई है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लोग दुनियाभर में सबसे अधिक सौम्य और बहादुर हैं, जिन्होंने हमेशा विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष किया है.
जनरल राहील ने सैनिकों से समृद्ध सैन्य परंपराओं के नियमों का और उत्साह के साथ पालन करने और सर्वोच्च समर्पण, सौम्यता और बलिदान की भावना के साथ लोगों की सेवा जारी रखने का आह्वान किया.सैन्य प्रमुख जनरल राहील (60) के इस महीने के आखिर में एक समारोह में सेना के अगले प्रमुख को सैन्य कमान सौंपने की संभावना है. शुक्रवार को उन्होंने गवर्नमेंट कॉलेज यूनिवर्सिटी लाहौर का दौरा किया और छात्रों एवं संकाय सदस्यों के साथ बातचीत की. उन्होंने यहां से पढाई की है.पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के पास नये सेना प्रमुख के लिए चार विकल्प हैं.
वरिष्ठता का क्रम लगभग स्पष्ट है. चीफ ऑफ जनरल स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल जुबैर हयात वरिष्ठता के क्रम में सबसे उपर हैं. उनके बाद मुल्तान कार्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल इशफाक नदीम अहमद, बहावलपुर कार्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जावेद इकबाल रामदे और इंस्पेक्टर जनरल ट्रेनिंग एंड इवैलुएशन लेफ्टिनेंट जनरल कमर जावेद बाजवा का क्रम आता है.
इसके बारे में जानकारी रखने वाले आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विभिन्न कारणों से लेफ्टिनेंट जनरल नदीम और लेफ्टिनेंट जनरल बाजवा नये सैन्य प्रमुख बनने की दौड़ में आगे चल रहे हैं. एक सूत्र ने बताया, ‘‘नये प्रमुख की नियुक्ति के संदर्भ में प्रधानमंत्री शरीफ जनरल राहील से विचार-विमर्श कर चुके हैं और एक सप्ताह के भीतर अहमद और बाजवा में से किसी एक को चुन सकते हैं.’ राहील ने जनवरी में घोषणा की थी कि वह सेवा विस्तार नही मांगेंगे. इस बात को लेकर अटकलों का दौर जारी था कि पीएमएल-एन सरकार आखिरी वक्त में उनको सेवा विस्तार दे सकती है. गौरतलब है कि पाकिस्तान में सेना प्रमुख का पद सबसे शक्तिशाली होता है. यह पांचवां ऐसा मौका होगा जब प्रधानमंत्री शरीफ देश का शीर्ष सैन्य कमांडर चुनेंगे.