टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक ख़बर के मुताबिक दिल्ली के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एम्स में इंटरनेट एडिक्ट्स यानी जिन्हें इंटरनेट की लत हो उनके लिए एक विशेष मनोरोग संबंधी ओपीडी की शुरूआत की गई है.
इसमें उन लोगों का इलाज होगा जिसमें सोशल मीडिया, ऑनलाइन गेम्स या फिर इंटरनेट की लत है.
डॉक्टरों का कहना है कि स्कूल कॉलेज के छात्रों में इसकी लत की शिकायतें हैं जिनसे गंभीर मनोरोग की समस्याएं पैदा हो रही हैं .
एम्स के बिहेवियोरल एडिक्शन क्लिनिक के प्रमुख डॉ यतन पाल सिंह बलहारा ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया को बताया कि डिप्रेशन, चिंता और नशे की लत जैसी समस्याएं भी ऐसे मनोरोगियों में देखी जा रही है.
इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक भारत प्रशासित कश्मीर में पिछले तीन महीनों के भीतर 19 स्कूलों को जला दिया गया है.
बांदीपुरा ज़िले के सादेरकोट में सोमवार रात को एक स्कूल को जला दिया गया है.
जुलाई में हिज़्बुल कमांडर बुरहान वानी की मुठभेड़ में मौत के बाद शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान अब तक 19 स्कूलों को आग लगा दी गई है.
अधिकारियों के मुताबिक इन स्कूलों में 5000 हज़ार छात्र पढ़ते हैं. 1989 में शुरू हुए हिंसक दौर के बाद कई बार स्कूलों और कॉलेजों को निशाना बनाया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस की एक विशेष ख़बर के मुताबिक लिखा है कि पाकिस्तान में गुजरांवाला में पोस्टर सामने आए हैं जिनमें भारत प्रशासित कश्मीर के उड़ी में सैनिक कैंप पर हमले में मारे गए चार चरमपंथियों में से एक का सांकेतिक अंतिम संस्कार करने की घोषणा की है.
भारतीय सेना के उड़ी कैंप पर चरमपंथी हमले में 18 सैनिकों की मौत हो गई थी.
अख़बार के मुताबिक ये पहला सबूत है कि उड़ी हमले में पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है. पाकिस्तान अब तक इससे इनकार करता रहा है.
पोस्टर में लिखा है कि स्थानीय लोग गुजरांवाला के रहने वाले मोहम्मद अनस उर्फ़ अबु सिराक़ा के लिए नमाज़ में शामिल हों.
द हिंदू में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक स्कूलों में कक्षा 5 और कक्षा 8 में दोबारा परीक्षाएं शुरू करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
नो डिटेनशन पॉलिसी यानी फेल न करने की नीति के कारण शिक्षा के गिरते स्तर को संभालने के लिए ये कदम उठाया गया है.
सेंट्रल एडवाइज़री बोर्ड ऑफ़ एजुकेशन की 64वीं बैठक में मंगलवार को सरकार को शिक्षा के अधिकार कानून में बदलाव की सलाह दी गई है ताकि राज्य सरकारों को कक्षा 5 और 8 में फ़ेल न करने की नीति बदली जाए या नहीं इसका फ़ैसला करने की शक्ति दी जाए.
जनसत्ता की ख़बर के मुताबिक सायरस मिस्त्री की छुट्टी के फ़ैसले के बाद टाटा समूह ने कैविएट दाखिल की हैं. टाटा समूह ने सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और पंचाट का दरवाज़ा खटखटाया है.
सूत्रों का कहना है कि सायरस मिस्त्री टाटा समूह से हटाए जाने के फ़ैसले को अदालत में चुनौती दे सकते हैं.
इसी को ध्यान में रखते हुए टाटा संस ने सुप्रीम कोर्ट, बंबई हाईकोर्ट और राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण में कैविएट दाखिल किए हैं ताकि साइरस किसी भी अदालत से अपनी बर्खास्तगी के खिलाफ़ एकतरफ़ा आदेश पारित नहीं करा सकें.
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