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आठ से 16 की उम्र के आधे से ज्यादा बच्चे सोशल नेटवर्किग पर

इंगलैंड के 10 साल की उम्र के आधे से ज्यादा बच्चे ऑनलाइन सोशल नेटवर्किग साइटों पर हैं. ज्यादा बच्चे (52 प्रतिशत) फेसबुक का इस्तेमाल करते हैं knowthenetनाम की एक ऑनलाइन सेफ्टी एडवाइजरी वेबसाइट की इस साल की स्टडी में यह बात सामने आई है. इस स्टडी की रिपोर्ट इंग्लैंड के ऑनलाइन अखबार डेली मेल में […]

इंगलैंड के 10 साल की उम्र के आधे से ज्यादा बच्चे ऑनलाइन सोशल नेटवर्किग साइटों पर हैं. ज्यादा बच्चे (52 प्रतिशत) फेसबुक का इस्तेमाल करते हैं knowthenetनाम की एक ऑनलाइन सेफ्टी एडवाइजरी वेबसाइट की इस साल की स्टडी में यह बात सामने आई है. इस स्टडी की रिपोर्ट इंग्लैंड के ऑनलाइन अखबार डेली मेल में छपी है.

फेसबुक पर मौजूद 8 से 16 साल की उम्र के बच्चे वेबसाइट के उम्र के नियमों का पालन नहीं करते. बच्चे खुद इस बात को स्वीकार करते हैं.

बच्चे सबसे ज्यादा फेसबुक पर हैं और फिर उसके बाद 24 प्रतिशत बीबीएम पर हैं और फिर स्नैपचैट पर

11 फीसदी बच्चे हैं. आस्क डॉट एफएम पर 8 प्रतिशत बच्चे हैं. ये सर्वे के लिए 1006 पेरेंट्स को शामिल किया गया, जिनके बच्चों की उम्र आठ से 16 साल है और इसी उम्र के 1004 बच्चों को शामिल किया गया.

अध्ययन की कुछ और दिलचस्प बातें:

59 प्रतिशत बच्चे इनमें ऐसे हैं, जो 10 साल की उम्र तक सोशल नेटवर्किग साइट पर आ जाते हैं.

केवल 32 प्रतिशत पेरेंट्स ही इस बात को लेकर श्योर हैं कि वे अपने बच्चों को सेफ ऑनलाइन में मददगार हैं.

21 प्रतिशत बच्चे नेगेटिव कमेंट पोस्ट करते हैं.

11 साल की उम्र से ऊपर के 21 प्रतिशत बच्चे दूसरों का अकाउंट हैक करते हैं और बिना किसी परिमशन के वहां पोस्ट करते हैं.

ज्यादातर बच्चे अपनी तस्वीरें या फिर अपने वीडियो शेयर करते हैं.

कुछ 43 प्रतिशत बच्चे अनजान लोगों को मैसेज करते हैं. ऐसे बच्चों की एवरेज ऐज 12 साल है.

स्टडी में ये भी सामने आया कि बच्चे एवरेज 11 साल की उम्र में पहली बार जाली प्रोफाइल बनाते हैं. 12 साल की उम्र में ट्विटर पर आ जाते हैं और अनजान लोगों को मैसेज करते हैं. 13 साल की आयु में बच्चे स्नैपचैट और आस्क डॉट एफएम का इस्तेमाल करके देखते हैं.

67 प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं जो ऑनलाइन किसी भी समस्या के लिए अपने पेरेंट्स के पास जाते हैं और उनकी मदद मांगते हैं.

63 फीसदी पेरेंट्स अपने बच्चों की इंटरनेट पर एक्टिविटीज पर सप्ताह में एक बार नजर जरूर डालते हैं.

21 प्रतिशत अपने बच्चों पर नियंत्रण रख पाने के बारे में कॉन्फीडेंट नहीं हैं.

46 फीसदी अभिभावकों ने माना कि उन्हें बच्चों के स्कूल की इंटरनेट पॉलिसी के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

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