जमुई/ गिद्धौरः शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जिससे समाज, राज्य व देश का सुव्यवस्थित विकास संभव है. शिक्षा के बिना किसी भी क्षेत्र में तरक्की की कल्पना करना बेकार है. एशिया महादेश के इतिहास का अध्ययन करने के बाद यह बात सामने आयी है कि जिस राष्ट्र ने शिक्षा को प्रमुखता दी उसने तरक्की की. उक्त बातें सूबे के शिक्षा मंत्री प्रशांत कुमार शाही ने जिले के गिद्धौर मुख्यालय स्थित प्लस टू महाराजा चंद्रचूड़ विद्या मंदिर के हीरक जयंती के अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि आजादी के छह दशक बीत जाने के बाद भी हमारा प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में काफी पिछड़ा है. किसी भी सरकार ने जनता की जरूरतों के मुताबिक शिक्षा को प्रमुखता से नहीं लिया. इसी का परिणाम है कि आज भी प्रदेश में 65 प्रतिशत लोग ही साक्षर हैं. लेकिन सूबे की वर्तमान सरकार के 8 वर्ष की अवधि में ही अथक प्रयास से शिक्षा के क्षेत्र में काफी बदलाव आया है.
हमारी सरकार बजट का 25 प्रतिशत खर्च शिक्षा पर करती है. पूरे प्रदेश में विद्यालयों को सुसज्जित करने के लिए भवन सहित अन्य संसाधनों को पूरा करने का कार्य किया जा रहा है. हमारी सरकार नारी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए साइकिल योजना, पोशाक योजना, प्रोत्साहन योजना सहित कई योजना चला रही है. इसके परिणामस्वरूप लगातार छात्रओं की विद्यालय में उपस्थिति में वृद्धि हो रही है. शिक्षा मंत्री ने बताया कि पूरे प्रदेश में 1688 माध्यमिक विद्यालय को उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का दर्जा दिया गया है. इसमें 39 उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जमुई को मिला है. उन्होंने बताया कि हमारी सरकार के लगातार संघर्ष के बाद सभी विश्वविद्यालयों में कुलपति व प्रतिकुलपति की नियुक्ति संभव हो सकी है.
प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में इतनी कमी थी कि उसे इतने कम अवधि में दूर करना संभव नहीं था. लेकिन इस क्षेत्र में लगातार कार्य किये जा रहे हैं. इन्होंने बताया कि प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी को देखते हुए हमारी सरकार ने नियुक्ति के बाद उन्हें प्रशिक्षित करने का कार्य किया है. मौके पर शिक्षा मंत्री ने अभिभावकों से शिक्षा के प्रति जागरूक रहने की अपील की.
गिद्धौर को मिला दो प्रशिक्षण स्कूलों की सौगात
हीरक जयंती कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षा मंत्री को लोगों ने उक्त विद्यालय के संबंध में विस्तृत रूप से जानकारी दी. वक्ताओं ने कहा कि करीब 75 वर्ष पहले स्थापित इस विद्यालय की अपनी गरिमा रही है. विद्यालय की गरिमा को अक्षुन्न रखने के लिए इसे सुसज्जित करने की आवश्यकता है. इस विद्यालय परिसर में शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना हो जाये तो क्षेत्र के लोगों के लिए काफी अच्छा होगा. इसे सहर्ष मानते हुए शिक्षा मंत्री पीके शाही ने कहा कि ऐसे विद्यालय के हीरक जयंती समारोह में उपस्थित होकर काफी गौरवांवित महसूस कर रहा हूं. उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र व बीएड कॉलेज की स्थापना जल्द ही इस विद्यालय परिसर में करायी जायेगी.