स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर समय रहते पता चल जाये तो खान-पान में परिवर्तन करके कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है और अगर पहले से ही सजग रहें तो इसके होने को रोका जा सकता है. खान-पान के जरिये कैंसर से कैसे लड़ा जा यह जानना बहुत महत्वपूर्ण है.
यह आम सहमति है कि मोटापा कैंसर के खतरे को बढ़ाता है. भिन्न देशों में आहार अलग होने के कारण कैंसर के प्रकार भी अलग होते हैं उदाहरण के लिए आमाशय का कैंसर जापान में आम है, जबकि बड़ी आंत का कैंसर संयुक्त राज्य अमेरिका में आम है.
एक अध्ययन के अनुसार मांस का उपभोग कम करने से वृहद् आंत्र के कैंसर का जोखिम कम हो जाता है, और कॉफी का सेवन यकृत कैंसर के खतरे को कम करता है. ग्रिल्ड मांस के उपभोग से वृहद आंत्र कैंसर, स्तन कैंसर और अग्नाशय के कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है. ऐसा उच्च ताप पर पकाये जानेवाले भोजन में कार्सिनोजेन जैसे- बेंजोपायरीन की उपस्थिति के कारण होता है.
2005 का एक अध्ययन दर्शाता है कि जीवन शैली में परिवर्तन और शाकाहारी आहार के सेवन से प्रोस्टेट कैंसर के रोगी पुरुषों के एक समूह में कैंसर में कमी आयी. वे उस समय किसी भी परंपरागत उपचार का उपयोग नहीं कर रहे थे. इन परिणामों को 2006 के अध्ययन से अधिक महत्त्व मिला जिसमें 2400 से अधिक महिलाओं पर अध्ययन किया गया, इस दौरान इनमें से आधी महिलाओं को सामान्य आहार पर रखा गया, और शेष को ऐसा आहार दिया गया जिसमें वसा की कैलोरी 20} से कम हो. दिसंबर, 2006 की रिपोर्ट में बताया गया कि कम वसा वाले आहार का सेवन कर रही महिलाओं में स्तन कैंसर के पुनरावृत्ति कम हुई थी.
कैसी होनी चाहिए हमारी डायट
कैंसर की आशंका को कम करने के लिए ज्यादा फल एवं सब्जियां खाना प्रथम महत्वपूर्ण कदम है. टमाटर, हरी सब्जियां आदि स्तन, पेट, फेफड़े, बड़ी आंत, अंडाशय, मूत्रशय, मुंह आदि में कैंसर की आशंका को कम कर देते हैं. इनमें मौजूद विटामिन खनिज और रेशे ऐसा करने में सहायक होते हैं. खाद्य पदार्थों को खाने के अलावा उनके रख-रखाव, संरक्षण एवं प्रोसेसिंग की ओर भी ध्यान देना चाहिए. अक्सर खाद्य पदार्थों को संरक्षित करते हुए या पकाने के दौरान उनमें मौजूद अनेक लाभकारी तत्व नष्ट हो जाते हैं. अत: ताजा सब्जियों एवं फलों का सेवन, हल्का पका हुआ या कच्चा खाना ज्यादा उपयोगी है. कोयले के ऊपर सेंकी गयी खाद्य सामग्री खाने से परहेज करनी चाहिए क्योंकि इसमें कैंसरजेनिक टॉर निकलता है, जो पेट और गले की नली में कैंसर की आशंका को बढ़ाता है.
अनिला सैमुअल
न्यूट्रिशियन व फिटनेस कंसल्टेंट पटना