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सोशल: ‘पाकिस्तान युद्ध चाहता है तो यही सही’

भारत प्रशासित कश्मीर के उरी सेक्टर में भारतीय सेना के शिविर पर हुए हमले में 17 जवानों की मौत के बाद सोशल मीडिया पर दुख और गुस्सा जाहिर किया जा रहा है. पत्रकार विश्व मोहन (@vishwamTOI) ने ट्वीट किया, "अब कुछ कीजिए. इसे राष्ट्रीय आह्वान के रूप में लें. मासूम कश्मीरियों और जवानों को राजनीतिक […]

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भारत प्रशासित कश्मीर के उरी सेक्टर में भारतीय सेना के शिविर पर हुए हमले में 17 जवानों की मौत के बाद सोशल मीडिया पर दुख और गुस्सा जाहिर किया जा रहा है.

पत्रकार विश्व मोहन (@vishwamTOI) ने ट्वीट किया, "अब कुछ कीजिए. इसे राष्ट्रीय आह्वान के रूप में लें. मासूम कश्मीरियों और जवानों को राजनीतिक चारे की तरह इस्तेमाल करना बंद करो."

वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त (@BDUTT) ने लिखा, "आतंकवादियों ने उरी में सो रहे सैनिकों को निशाना बनाकर टेंटों पर ग्रेनेड फेंके जिनसे एकदम आग लग गई. ज़्यादातर हताहत इसी वजह से हैं."

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (@yadavtejashwi) ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा, "सर नरेंद्र मोदी जी ख़ुफ़िया जानकारी होने के बावजूद 17 सैनिक मारे गए. क्या हम प्रेम पत्र भेजने के बजाए राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में कुछ सुधारात्मक क़दम उठाएंगे?"

मुक्केबाज़ विजेंदर सिंह (‏@boxervijender) ने लिखा, "17 सैनिकों के मारे जाने की बेहद दुखद ख़बर. परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं. उरी पर हमला हुआ है. अगर पाकिस्तान ने युद्ध को चुन लिया है तो फिर युद्ध ही सही."

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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिकारिक अकाउंट (@INCIndia) से ट्वीट किया गया, "उरी में हुए कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले में भारतीय सैनिकों की शहादत पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गहरे दुख और शोक का इज़हार किया है. सोनिया गांधी ने इसे हमारी राष्ट्रीय चेतना पर हमला कहा है."

डॉक्टर जितेंद्र सिंह (@DrJitendraSingh) ने ट्वीट किया, "उरी हमले में भारतीय सैनिकों के अमूल्य जीवन के नुकसान से परेशान हूँ. क्या राष्ट्र कभी भी ऐसे बलिदान का ऋण चुका पाएगा. "

निशांत गौतम (@TedhiLakeer) ने ट्वीट किया, श्रद्धांजलि का नाटक न कीजिए. हमारे सैनिकों का इस्तेमाल चारे की तरह किया जा रहा है. उन्हें मरवाना बंद कीजिए.

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गायक अभिजीत (@abhijeetsinger) ने प्रधानमंत्री मोदी को उनका 2013 में किया गया एक ट्वीट याद दिलाते हुए लिखा, "नरेंद्र मोदी जी क्यों बर्दाश्त कर रहे हो? हमारे सैनिकों को और ताबूत क्यों? पाकिस्तान के ख़िलाफ़ अंतिम फ़ैसला लीजिए."

2013 में किए अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा था, "भारत मुश्किल स्थिति से गुज़र रहा है. चीन हमारी सीमा में घुसपैठ कर रहा है. पाकिस्तान बार-बार हमारे सैनिकों की जान ले रहा है और केंद्र कुछ नहीं कर रहा है."

मोदी उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे और केंद्र में डॉक्टर मनमोहन के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी.

पत्रकार कमलेश सिंह ने लिखा, "राजनीतिक गुस्सा एकतरफ़, सेना इसे बर्दाश्त नहीं करेगी. भारतीय सेना के चुने हुए स्थान और समय पर दुश्मन से बदला लिया जाएगा."

गौरव पांधी (@GauravPandhi) ने ट्वीट किया, 17 जवान मारे गए हैं. अजीत डोभाल को उनके अल्पज्ञान और ख़तरनाक़ फ़ैसलों के लिए पद से हटा दिया जाना चाहिए. इसकी क़ीमत हमारे जवान चुका रहे हैं.

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संजय पुगालिया (@sanjaypugalia) ने लिखा, "हमारे 17 सैनिक मारे गए और रक्षामंत्री का ट्विटर हैंडल ख़ामोश है. कम से कम राजनाथ सिंह ने तीन बार ट्वीट करके हमें उरी हमले के बारे में जानकारी तो दी."

सिद्धार्थ मज़ूमदार (@mazumdar_sid) ने ट्वीट किया, "हमारे रक्षामंत्री एक मुख्यमंत्री की सर्जरी का मज़ाक बनाने में व्यस्त हैं और उधर पाकिस्तान ने हमारे 17 सैनिक मार दिए हैं. हमारे देश का हाल ऐसा ही है."

वहीं पाकिस्तानी पत्रकार उमर कुरैशी (@omar_quraishi) ने ट्वीट किया, "उरी हमले के लिए भारतीय सरकार और मीडिया के पाकिस्तान को ज़िम्मेदार ठहराने का इंतज़ार कर रहा हूं. दिल्ली इसका इस्तेमाल सीमा पार हमलों के लिए कर सकती है."

पाकिस्तानी पत्रकार मोइन पीरज़ादा (@MoeedNj) ने लिखा, "उरी में हमले के बाद अब बलूचिस्तान में एक और हमले की उम्मीद कीजिए. ये कहानी ऐसे ही आगे बढ़ती है."

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