दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय महिला आयोग से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर गुजरात में एक महिला की जासूसी कराने के आरोपों की जांच कराने और सख़्त कार्रवाई करने की मांग की है.
दरअसल दिल्ली के ओखला से आम आदमी पार्टी विधायक अमानतुल्लाह ख़ान पर शुक्रवार को शारीरिक शोषण की एफ़आईआर दर्ज होने के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग ने मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार से जवाब मांगा था.
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ललिता कुमारमंगलम ने एक पत्र लिखकर इस बात पर भी चिंता जताई कि पिछले कई महीनों के दौरान दिल्ली विधानसभा के चुने हुए प्रतिनिधियों पर महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के आरोप लग रहे हैं.
आयोग ने 11 सितंबर को दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर घटनाओं की वास्तविकता से अवगत कराने को कहा था.
पत्र का जवाब देते हुए केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली सरकार महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध में पाए गए लोगों के ख़िलाफ़ कठोर कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है.
आयोग को लिखे जवाब में केजरीवाल ने कहा, "संसदीय इतिहास में मेरी सरकार पहली है जिसने अपने तीन मंत्रियों को बर्ख़ास्त कर दिया था जब उनके ख़िलाफ़ अनुचित व्यवहार के सुबूत सामने आए थे."
बीबीसी के पास दोनों पत्र मौजूद हैं.
अरविंद केजरीवाल ने आगे लिखा, "मैं आपकी इस बात के लिए तारीफ़ करूंगा की आपने हाल ही में एक टीवी प्रोग्राम में ख़ुलासा किया था कि साल 2013 में आपने नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की थी जब एक महिला की जासूसी कराने के तथ्य सामने आए थे. आपने उस प्रोग्राम में कहा था कि उस समय आप बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य थीं और आपने पार्टी के मंच पर इस मुद्दे को उठाया था. आप उस समय मोदी जी पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकती थीं क्योंकि आप राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष नहीं थीं."
केजरीवाल ने आयोग को भेजे जवाब में कहा, "मैं आपको पर्याप्त दस्तावेज़ी और डिजिटल सबूत साथ में संलग्न कर भेज रहा हूं कि किस तरह मोदी जी और अमित शाह ने अपनी आधी उम्र की महिला की जासूसी करवाई थी. उस समय मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और उस महिला में उनकी ग़ैरमामूली दिलचस्पी थी. इसलिए मैं आपसे अपील करता हूं कि आप इसकी जांच कराएं और दोनों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करें."
लेकिन अरविंद केजरीवाल के जवाब को बीजेपी ने राजनीतिक बयानबाज़ी बताया है.
बीबीसी से बात करते हुए बीजेपी प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा, "जहां कोई शिकायत नहीं हुई उसका भी वे ज़िक्र कर रहे हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले इस पर कांग्रेस भी ख़ूब हाय तौबा कर चुकी थी. सिर्फ़ राजनीतिक बयानबाज़ी तक ही ये लोग सीमित हैं. नरेंद्र मोदी और अमित शाह को लेकर ये लोग ऐसे कई आरोप लगाते रहे हैं लेकिन कुछ भी साबित नहीं कर पाए और आख़िरकार इन्हें मुंह की खानी पड़ी. ये आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का राजनीतिक एजेंडा है. ये जब किसी केस में फंसते हैं तो जवाब देने की बजाए उल्टा सवाल करते हैं."
श्रीकांत शर्मा ने कहा कि दिल्ली में जिस तरह से महिला उत्पीड़न के मामले सामने आ रहे हैं इस पर इनकी जवाबदेही बनती है.
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