लंदन में लगी ऐतिहासिक आग के साढ़े तीन सौ साल पूरे होने पर 17वीं शताब्दी के लंदन का एक विशाल लकड़ी का मॉडल तैयार किया गया.
टेम्स नदी के किनारे इस 120 मीटर लंबे मॉडल को आग के हवाले किए जाने को देखने के लिए हज़ारों लोग इकट्ठा हुए.
लंदन में 1666 में लगी आग चार दिन तक धधकती रही थी जिसमें शहर का अधिकतर हिस्सा स्वाहा हो गया था.
उस समय लंदन में अधिकतर मकान लकड़ी के थे.
इस आग के बाद लंदन में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य हुए थे.
आज का सैंट पॉल कथिड्रल भी उसी आग के बाद निर्मित किया गया था.
पुराने सैंट पॉल चर्च समेत करीब 13 हज़ार घर और दुकानें उस भीषण आग में जलकर राख हो गई थीं.
इसी आग के बाद लंदन में निर्माण के लिए पत्थर का इस्तेमाल शुरू किया गया और एक व्यवस्थित अग्निशमन सेवा की शुरुआत हुई.
बीमा उद्योग भी इसी आग के बाद स्थापित हुआ था.
उस ऐतिहासिक आग को याद करने के लिए आयोजित समारोह में लकड़ी के एक विशाल मॉडल को आग के हवाले किया गया.
30 अगस्त से 4 सितंबर तक चले ‘लंदन इज़ बर्निंग’ समारोह में कई तरह की प्रस्तुतियां दी गईं, वार्ताएं आयोजित हुईं और दर्शकों को ऐतिहासिक स्थलों के बारे में जानकारियां दी गईं.
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