न्यूयार्क : अमेरिका की वायु सेना प्रमुख इस महीने के अंत में भारत दौरे पर आएंगी. इस दौरे के केंद्र में रक्षा क्षेत्र की तकनीकों में भारत-अमेरिकी सहयोग और कारोबारी पहलें होंगी. इस दौरान वे आला भारतीय अधिकारियों से भारत में विमानों के सह उत्पादन के प्रस्तावों पर भी चर्चा करेंगी. देब्रा ली जेम्स चार एशियाई देशों के अपने पहले दौरे में इस महीने के अंत में भारत पहुचेंगी. वे इंडोनेशिया, सिंगापुर और फिलीपिंस भी जाएंगी और दक्षिण चीन सागर के हालात तथा आतंकवाद के बढते खतरे पर चर्चा करेंगी. भारत दौरे में वे वायुसेना प्रमुख अरुप राहा और रक्षा सचिव जी मोहन कुमार से भी मुलाकात करेंगी. वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के मद्देनजर विमानों के भारत में निर्माण के सह-उत्पादन के प्रस्तावों पर अपने भारतीय समकक्षों से चर्चा करेंगी.
कल हुए संवाददाता सम्मेलन में यह पूछे जाने पर कि भारत दौरे में उनका ध्यान खासतौर पर किन बातों की ओर रहेगा, उन्होंने कहा, ‘हम देखेंगे कि अपनी साझेदारी को हम और कितना गहरा और मजबूत कर पाते हैं और इसे अगले स्तर तक कैसे ले जा सकते हैं.’ उन्होंने कहा कि वे प्रतिरक्षा की तकनीकों के साथ ही उन कारोबारी पहलों के बारे में भी चर्चा करेंगी जो अमेरिकी रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर के अप्रैल में भारत दौरे के दौरान शुरू की गई थीं.
प्रतिरक्षा क्षेत्र के अमेरिकी कारोबारी लाकहीड मार्टिन के एफ-26 के पुर्जों को भारत में जोडकर तैयार करने के प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने पर जेम्स ने सकारात्मक जवाब दिया. भारत के लडाकू विमानों को मजबूत बनाने तथा जेट इंजन तकनीक कार्यकारी समूह को सहयोग देने के सवाल का भी उन्होंने सकारात्मक जवाब दिया.
उन्होंने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया अभियान और प्रतिरक्षा के क्षेत्र में नये रोजगारों के सृजन के महत्व से परिचित हूं. एक प्रस्ताव कुछ विमानों के भारत में सह-उत्पादन से जुडा है.’