नग्न डेविड की मूर्ति प्राचीन इतालवी मूर्तिकला कला का एक नायाब नमूना है, लेकिन रूस में इस मूर्ति की प्रतिकृति को कपड़े पहनने पड़ सकते हैं.
ये प्रतिकृति रूस के सेंट पीटर्सबर्ग शहर में रखी गई है, लेकिन कुछ स्थानीय लोगों ने इसके नग्न होने पर आपत्ति की है.
मू्र्तियों की प्रदर्शनी के आयोजकों का कहना है कि वो लोगों से पूछेंगे कि क्या पांच मीटर लंबी प्लास्टिक की इस मूर्ति को ढकना चाहिए.
एक स्थानीय महिला ने बच्चों के अधिकारों के लिए काम करने वाली सरकारी संस्था के पास जाकर शिकायत दर्ज कराई कि पास ही स्कूल में पढ़ रहे छात्रों पर इस मूर्ति का ग़लत असर पड़ रहा है.
लेंता वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक़ महिला ने कहा, "बिना पेंट पहने किसी आदमी की मूर्ति आप कैसे शहर के बीचों बीच लगा सकते हैं जबकि उसके पास ही एक स्कूल और एक चर्च है."
बाल अधिकार संस्था की वेबसाइट पर मौजूद पत्र में महिला ने कहा है, "ये विशाल मूर्ति शहर की ऐतिहासिक छवि को ख़राब करती है और बच्चों को बिगाड़ती है."
हालांकि संस्था के अधिकारियों ने महिला को समझाने की कोशिश की कि रूस की पूर्व औपनिवेशिक राजधानी सेंट पीटर्सबर्ग में ऐसी बहुत सी मूर्तियां रही हैं और लोग भी बिना वस्त्रों वाली इन मूर्तियों को देखने के आदी हैं.
लेकिन इस महिला पर इन बातों का कोई असर नहीं हुआ. उसने कहा, "आसपास बच्चे खेलते हैं.. वो इस नग्न व्यक्ति को देखते हैं.. क्या ये सामान्य है?"
महिला ने यहां तक चेतावनी दी कि वो इस मामले को आगे ले जाएगी.
हालांकि स्कूल के निदेशक मकसिम प्रातुसेविच ने भी उसे भरोसा दिलाने की कोशिश की कि उनके स्कूल के बच्चे ‘सभ्य और शिक्षित’ हैं और उन्हें महान इतालवी मूर्तिकार, पेंटर और आर्किटेक्ट मिकलानजेलो की इस नायाब कृति से कोई दिक़्क़त नहीं है.
लेकिन महिला अपने रुख़ पर क़ायम है. ऐसे में प्रदर्शनी के आयोजन से जुड़े एक अधिकारी ने रिया-नोवोस्ती समाचार एजेंसी को बताया, "इस आलोचना को अनदेखा नहीं किया जा सकता है."
‘डेविड के लिए ड्रेस’ पहल के तहत लोगों से पूछा जाएगा कि डेविड को क्या पहनाया जाए. 16-23 अगस्त के बीच होने वाली वोटिंग में एक विकल्प ये भी है कि ‘उसे वैसा ही रखा जाए, जैसा वो है’.
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