मुंबई पर हुए 26/11 आतंकी हमले के अभियुक्त अबु जुंदाल उर्फ अबु हमज़ा उर्फ़ सैयद ज़बीउद्दीन अंसारी को अवैध हथियार बरामदगी मामले में मुंबई की विशेष मकोका अदालत ने दोषी करार दिया है.
उन्हें साल 2006 में महाराष्ट्र के औरंगाबाद से हथियारों का जखीरा मिलने के मामले में दोषी पाया गया है.
गुरुवार को सुनाए गए फ़ैसले में जज श्रीकांत अनेकर ने इस मामले में गिरफ़्तार 22 अभियुक्तों में से अबु जुंदाल समेत अन्य 11 अभियुक्तों को दोषी पाया जबकि आठ को निर्दोष बरी कर दिया, दो अभियुक्त फरार हैं और एक सरकारी गवाह बन गया था.
अबु जुंदाल के बारे में पुलिस का दावा है कि वो इंडियन मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा के साथ जुड़े हैं. अबु जुंदाल पर साल 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले में शामिल होने का भी आरोप है.
भारत सरकार द्वारा 21 मई 2011 को जारी पाकिस्तान में छिपे 50 मोस्ट वांटेड अपराधियों की फेहरिस्त में अबु जुंदाल का नाम था.
महाराष्ट्र के अलग-अलग शहरों में हुए बम धमकों में अबु जुंदाल का हाथ होने की आशंका है. जिनमें 19 फरवरी 2006 के औरंगाबाद रेलवे स्टेशन धमाके, पुणे के जर्मन बेकरी धमाके और औरंगाबाद हथियार जखीरा मामला शामिल हैं.
अबु जुंदाल का सऊदी अरब से 25 जून 2012 को प्रत्यर्पण हुआ था, तब से वो पुलिस की हिरासत में हैं. अबु जुंदाल को मुंबई के आर्थर रोड जेल में रखा गया है.
अबु जुंदाल के वकील वहाब खान ने बताया, "वो एक निहायत ही गरीब परिवार से हैं. अपने बूढ़े मां-बाप और पांच बहनों का पेट पालने के लिए इलेक्ट्रीशियन का काम करते थे. पिछले चार सालों से जेल में रहते हुए जुंदाल ने मनोविज्ञान में एम ए और मानवाधिकार का डिप्लोमा पूरा किया है."
वहाब खान ने बताया कि अब जुंदाल के बूढ़े मां-बाप गेवराइ गांव में रहते हैं. वे लोग कई सारी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं.
अबु जुंदाल का जन्म 30 नवंबर 1980 को महाराष्ट्र के बीड जिले के गेवराई गांव में हुआ था.
जुंदाल के पिता सैयद ज़कीउद्दीन बीमा एजेंट है. ज़कीउद्दीन की पांच संताने हैं, जिनमें चार बेटियां और एक बेटा अबु जुंदाल हैं.
गेवराइ गांव में उर्दू स्कूल में दसवीं कक्षा तक पढ़ाई करने के बाद अबु जुंदाल ने बीड ज़िले के आईटीआई में दाखिला लिया.
पुलिस का कहना है के अबु जुंदाल कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद पाकिस्तान चले गए और 2009 में एक पाकिस्तानी महिला से शादी कर ली.
भारतीय जांच एजेंसियों का दावा है कि अबु जुंदाल का साल 2000 में पाकिस्तान में हथियारों की ट्रेनिंग हुई जिसके बाद उन्हें लश्कर-ए तैयबा और इंडियन मुजाहिदीन के लिए युवकों की भर्ती करने का जिम्मा सौंपा गया.
भारतीय जांच एजेंसियों का यह भी मनाना है कि 26 नवंबर 2008 को हुए मुंबई आतंकी हमले के वक़्त अबु जुंदाल कराची स्थित लश्कर-ए-तैबा के कंट्रोल रूम में मौजूद थे.
लगभग तीन साल तक कोशिश करने के बाद भी भारतीय जांच एजेंसियां अबु जुंदाल को पकड़ने में नाकामयाब रहीं. लेकिन काफी मशक्कत के बाद सऊदी अरब की सरकार ने अबु जुंदाल का प्रत्यर्पण किया था.
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