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#BlackFriday: BREXIT के नतीजों ने बताया, कितना बदल गया है ”ब्रिटेन”?

इंटरनेट डेस्कलंदन : ऐतिहासिक जनमत संग्रह में ब्रिटेन यूरोपीय संघ (ईयू) से अलग हो गया है. कल मतदान समाप्त होने के बाद आज वोटों की गिनती हुई, जिसमें ‘लीव’ यानी ब्र‍िटेन के ईयू का हिस्सा नहीं रहने के पक्ष में 51.9 फीसदी लोगों ने वोट किया जबकि ‘रीमेन’ यानी संघ का हिस्सा बने रहने के […]

इंटरनेट डेस्क

लंदन :
ऐतिहासिक जनमत संग्रह में ब्रिटेन यूरोपीय संघ (ईयू) से अलग हो गया है. कल मतदान समाप्त होने के बाद आज वोटों की गिनती हुई, जिसमें ‘लीव’ यानी ब्र‍िटेन के ईयू का हिस्सा नहीं रहने के पक्ष में 51.9 फीसदी लोगों ने वोट किया जबकि ‘रीमेन’ यानी संघ का हिस्सा बने रहने के पक्ष में 48.1 फीसदी वोट ही पड़े. इस मतदान का फैसला वर्ष 1973 में हुए उस जनादेश को उलट रहा है, जिसमें ब्रिटेन ने यूरोपियन इकोनॉमिक कम्युनिटी का सदस्य बने रहने के लिए मतदान किया था. यह समूह बाद में यूरोपीय संघ बन गया था जिसके बाद लोगों को इस संघ से काफी उम्मीद थी लेकिन धीरे-धीरे उनकी उम्मीद पर पानी फिरता चला गया और 23 जून को एक बार फिर इस मामले को लेकर जनमत संग्रह कराया गया जिसका परिणाम 24 जून यानी आज आया जिसने 43 साल पहले के बिट्रेन का बदलता स्वरूप लोगों के सामने रखा.


क्या है ‘ब्रेक्ज़िट’ का अर्थ

‘ब्रेक्ज़िट’ शब्द जिन दो शब्दों से मिलकर बना है उसका अर्थ है ‘ब्रिटेन’ और ‘एक्ज़िट’. इस मामले को लेकर ब्रिटेन में दो गुट बने, जिनमें से एक का मत ‘रीमेन’ (Remain या ईयू में बने रहें) है, और दूसरे का मत है ‘लीव’ (Leave या ईयू को छोड़ दें) था. दोनों के बीच यहां कांटे की टक्कर हुई जिसमें ‘लीव’ ग्रुप ने 52 प्रतिशत वोट हासिल करके ‘रीमेन’ को पछाड़ दिया है.

क्या थी ‘लीव’ की दलील

यूरोपियन यूनियन से नाता तोड़ने यानी ‘लीव’ ग्रुप की दलील थी कि ब्रिटेन की पहचान, आज़ादी और संस्कृति को बनाए और बचाए रखने के लिए ऐसा करना ज़रूरी हो गया है. ये ब्रिटेन में भारी संख्या में आने वाले प्रवासियों पर भी सवाल उठा रहे था जिसको भारी संख्‍या में लोगों ने पसंद किया. ‘लीव’ ग्रुप का यह भी कहना है कि यूरोपियन यूनियन ब्रिटेन के करदाताओं के अरबों पाउंड सोख लेता है, और ब्रिटेन पर अपने ‘अलोकतांत्रिक’ कानून थोपता है.

क्या थी ‘रीमेन’ की दलील

यूरोपियन यूनियन से नाता जोड़े रहने यानी ‘रीमेन’ खेमे के लोगों की दलील थी कि यूरोपियन यूनियन में बने रहना ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद साबित होगा. साथ ही उनका मानना था कि इस फायदे के सामने प्रवासियों का मुद्दा बेहद छोटा है. अधिकतर अर्थशास्त्री इस उनकी इस दलील से सहमत दिखाई दे रहे थे. ब्रिटेन वर्ष 1973 से यूरोपियन यूनियन का हिस्सा था.

डेविड कैमरन का इस्तीफा

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने गुरुवार को हुए ऐतिहासिक जनमत संग्रह के बाद अगले कुछ महीनों के बाद पद पर बने नहीं रहने का एलान कर दिया है. वे अक्तूबर में प्रधानमंत्री पद छोड़ देंगे. ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि मैं अब भी अपनी धारणा पर स्पष्ट हूं कि यूरोपीय यूनियन में कायम रह कर ब्रिटेन अधिक मजबूत, सुरक्षित व बेहतर होता और मैं भी यह स्पष्ट रूप से मानता हूं कि जनमत संग्रह मेरे सहित किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं था.

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