अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को धूम-धाम से मनाने के नरेंद्र मोदी के प्लान पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी राय ज़ाहिर करते हुए कहा है कि पहले कम से कम शराबबंदी पर अमल होना चाहिए.
नीतीश कुमार के अनुसार अगर प्रधानमंत्री ‘योग को लेकर गंभीर हैं’ तो उन्हें पहले भाजपा शासित राज्यों में शराबबंदी की घोषणा कर देनी चाहिए.
झारखंड के पलामू में उन्होंने कहा, "योग का पहला सिद्धांत है शराब से दूर रहना. इसलिए अगर आप योग को बढ़ावा देने को लेकर इतने गम्भीर हैं तो पहले शराब पर बैन लगाइए."
भारतीय जनता पार्टी पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को ‘पार्टी का मामला’ बना देने का आरोप लगाते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि वे बचपन से योग करते रहे हैं लेकिन उन्होंने ‘कभी इसका प्रचार नहीं किया है’.
नीतीश कुमार के अनुसार, "योग कोई एक दिन का कार्यक्रम नहीं है बल्कि एक जीवन-पद्धति है".
इधर भारतीय जनता पार्टी नेता मीनाक्षी लेखी ने इसके जवाब में कहा, "बजाय पीएम मोदी को सलाह देने के, नीतीश कुमार को अपने काम पर ध्यान देना चाहिए".
नरेंद्र मोदी के प्रतिद्वंदी नीतीश कुमार का बयान तब आया है जब रिपोर्टों के अनुसार बिहार सरकार ने 21 जून को योग दिवस न मनाने का इरादा ज़ाहिर किया और इस पर कई हलकों में आलोचना भी हुई.
नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी को ये सलाह झारखंड में दी जहां उनकी पार्टी, जनता दल यूनाइटेड, सत्ताधारी भाजपा से शराबबंदी की मांग करती रही है.
जानकारों के अनुसार पिछले बिहार चुनाव में जदयू-आरजेडी गठबंधन को प्रदेश में शराबबंदी लागू करने के वादे से खासा समर्थन मिला था.
बिहार में इसी वर्ष अप्रैल महीने से शराबबंदी को घोषणा की गई थी हालांकि नीतीश सरकार के मुताबिक पड़ोसी उत्तर प्रदेश और झारखंड राज्यों में शराब की बिक्री बिहार के लिए एक बड़ी चुनौती बन कर उभरी है.
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