रूसी एथलीटों पर अंतरराष्ट्रीय खेलों में प्रतिबंध जारी रहेंगे. इसमें 2016 रियो ओलंपिक भी शामिल है.
आईएएएफ प्रमुखों ने तय किया है कि रूस पर नवंबर से लगे प्रतिबंधों को नहीं हटाया जाएगा जो राज्य प्रायोजित डोपिंग के आरोपों के बाद लगाए गए थे.
राष्ट्रपति पुतिन ने इस फैसले को अन्यायपूर्ण बताया है.
रूसी पोल वॉल्टर येलयेना इसिनबियेवा ने कहा है कि ये मानवाधिकार उल्लंघन है और वो आईएएएफ के इस फैसले के खिलाफ़ कोर्ट में जाएंगी.
उधर रूस के खेल मंत्री विताली मूटको ने इसे बेहद निराशाजनक बताया है.
उन्होंने बयान दिया, "कुछ एथलीटों और अधिकारियों के निंदनीय व्यवहार के चलते साफ़-सुथरे एथलीटों के सपने नष्ट हो रहे हैं. उन्होंने अपने जीवन के कई साल बलिदान किए हैं ओलंपिक में जगह पाने के लिए और अब ये बलिदान बेकार जाता दिख रहा है."
खेल मंत्री का कहना था, "प्रतिबंध लगाने के बाद से हमने हर संभाव प्रयास किए हैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय का विश्वास दोबारा जीतने के लिए. हमने एंटी-डोपिंग संस्थानों का पुर्ननिर्माण किया है जिनका नेतृत्व सम्मानित अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ कर रहे हैं."
2004 और 2008 में ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतने वाली 34 साल की इसिनबियेवा ने कहा, "मैं चुप नहीं बैठूंगी, मैं मानवाधिकार अदालत में अपील करूंगी."
स्वतंत्र वाडा रिपोर्ट के बाद आईएएएफ ने रूस में बड़े पैमाने पर हो रहे डोपिंग के चलते प्रतिबंध लगा दिया था.
माना जाता है कि इसमें देश की खुफिया सेवाएं भी शामिल हैं.
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