कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी महासचिव गुरुदास कामत ने अपने सारे पदों से इस्तीफ़ा दे दिया है. यही नहीं, उन्होंने राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा भी कर दी है.
जानकारों का मानना है के महाराष्ट्र से राज्यसभा के लिए पी चिदंबरम को उम्मीदवार बनाने से वह नाराज़ थे, और यही उनके इस्तीफ़े की मुख्य वजह है.
इसे कांग्रेस पार्टी के लिए अगले साल होनेवाले मुंबई नगर निगम चुनावों के पहले एक बड़ा झटका माना जा रहा है.
कामत पिछले लगभग चार दशकों से राजनीति में सक्रिय थे.
उन्होंने अपने फैसले की घोषणा सोमवार शाम मुंबई में की और कहा कि 44 साल तक पार्टी की सेवा और राजनीति करने के बाद अब युवा नेतृत्व को आगे लाने के लिए पार्टी के सारे पद और राजनीति छोड़ने का फ़ैसला लिया है.
अपने बयान में कामत ने कहा, “पिछले कुछ महीनों से मैं इस बात पर विचारमंथन कर रहा था. चार दशकों तक सक्रिय राजनीति में रहने के बाद, अब समय आ गया है कि युवा नेतृत्व को प्रोत्साहन देने के लिए मैं रास्ता बनांऊ. इसलिए मैंने यह फ़ैसला किया है कि अब राजनीति से संन्यास लेना चाहिए.”
कामत के मुताबिक़ वह 10 दिन पहले दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिले और इस्तीफ़े की पेशकश की थी. इसके बाद कामत ने दोनों नेताओं को अपना इस्तीफ़ा भेज दिया.
कामत ने कहा, “जब मेरे इस्तीफ़े के बाद पार्टी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई तो मैंने मान लिया कि इस्तीफ़ा मंज़ूर हो गया है.”
जानकारों के मुताबिक़, कामत के बयान से कि पार्टी ने उनके इस्तीफ़े पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी इस बात को और बल मिलता है कि चिदंबरम को राज्यसभा के लिए महाराष्ट्र से उम्मीदवार बनाने से राज्य के कई नेता नाराज़ हैं.
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