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जिंदगी सबसे कीमती है, इसे बचा कर रखें

संदर्भ : बच्चों में बढ़ रही आत्महत्या की प्रवृति अनुज कुमार सिन्हा ये खबरें समाज काे बेचैन कर रही हैं. हर परिवार दुविधा में है-भयभीत है. छात्र चिंतित, अभिभावक भयभीत. कारण हैं ये या ऐसी खबरें (आत्महत्या की), जाे लगातार आ रही हैं, लगातार बढ़ रही हैं. पहली खबर : धनबाद में माेबाइल से नकल […]

संदर्भ : बच्चों में बढ़ रही आत्महत्या की प्रवृति
अनुज कुमार सिन्हा
ये खबरें समाज काे बेचैन कर रही हैं. हर परिवार दुविधा में है-भयभीत है. छात्र चिंतित, अभिभावक भयभीत. कारण हैं ये या ऐसी खबरें (आत्महत्या की), जाे लगातार आ रही हैं, लगातार बढ़ रही हैं.
पहली खबर : धनबाद में माेबाइल से नकल करते पकड़ी गयी कॉलेज की छात्रा ने बस के आगे कूद कर जान दे दी.
दूसरी खबर : रांची में छठी क्लास के छात्र ने इसलिए जान दे दी, क्याेंकि गरमी की छुट्टी में स्कूल द्वारा दिये गये हाेम वर्क की सूची कहीं खाे गयी थी.
तीसरी खबर : परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं करने के कारण काेटा में दाे छात्राें ने जान दी.
ये तीन ताे सिर्फ सांकेतिक खबरें हैं. ऐसी खबरें राेज अा रही हैं. रिजल्ट निकलने के आसपास ऐसी घटनाएं आैर बढ़ रही हैं.यह टिप्पणी भी इसलिए है, ताकि छात्र यह जान सकें कि किसी एक परीक्षा में असफल हाेने से उनकी जिंदगी बरबाद नहीं हाे जाती. नंबर कम आया ताे काेई आफत नहीं अा गयी. आगे मेहनत करेंगे, अच्छा करेंगे. जान दे देना किसी समस्या का समाधान नहीं है. एक अवसर हाथ से निकला है, ताे अनेक अच्छे अवसर आपका इंतजार भी ताे कर रहे हैं. उन्हें तलाशिए. धैर्य रखिए. भावना पर काबू रखिए. जिंदगी कीमती है. इसकी रक्षा कीजिए. दुनिया में ऐसे महान लाेगाें की संख्या कम नहीं है, जाे अारंभ में फेल हाे गये थे. चाहे पढ़ाई की बात हाे, नाैकरी की बात हाे या राेजगार की. लेकिन इन लाेगाें ने हार नहीं मानी आैर इतिहास रचा.
बिल गेट्स काे काैन नहीं जानता. यही बिल गेट्स हावर्ड के ड्राप आउट हैं. जब इन्हाेंने पहला बिजनेस किया, असफल हाे गये. लेकिन हिम्मत नहीं हारी आैर इतिहास रचा. दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति बने. साेचिए, अगर बिल गेट्स ने हार मान ली हाेती, काेई गलत कदम उठा लिया हाेता, ताे दुनिया क्या उन्हें इस रूप में याद करती? नहीं करती. दुनिया के महान वैज्ञानिक हुए अल्बर्ट आइंस्टीन. वे बचपन में चार साल तक बाेल नहीं पाते थे. सात साल तक लिख नहीं पाते थे. जहां नाम लिखाया गया, वहां से उन्हें निकाल दिया गया. मजबूरी में कहीं आैर नाम लिखाना पड़ा. उन्हाेंने हार नहीं मानी, प्रयास जारी रखा, बाेलना-लिखना सब ठीक हाे गया. महान वैज्ञानिक बन गये.
अगर आइंस्टीन या उनके माता-पिता निराश हाे गये हाेते, हार गये हाेते, ताे क्या आइंस्टीन इतिहास में दर्ज हाे पाते. गुरुत्वाकर्षण का आविष्कार करनेवाले न्यूटन पहले प्रयास में फेल हाे गये थे. थामस एडिशन काे शिक्षक ने स्टुपिड बताते हुए यह कहा था कि यह लड़का कुछ नहीं कर सकता.
बाद में दाे बार नाैकरी से निकाला भी गया, एडिशन के प्रारंभिक प्रयाेग फेल कर गये थे, लेकिन एडिशन ने हार नहीं मानी, प्रयास जारी रहा आैर उन्हाेंने एक के बाद एक कई आविष्कार किये. दाे-दाे बार इंग्लैंड के प्रधानमंत्री बननेवाले चर्चिल भी छठे ग्रेड में फेल गये थे, लेकिन पढ़ाई नहीं छाेड़ी, हार नहीं मानी. रिजल्ट देखिए. इंग्लैंड ही नहीं, दुनिया के ताकतवर राजनेता बने.
भरे पड़े हैं ऐसे उदाहरण. हार कर अगर इनमें से काेई भी पीछे हट जाता, जान दे देता, ताे क्या दुनिया इन्हें आज याद करती? नहीं करती.
आज के हर युवा में कुछ न कुछ करने की क्षमता है. वे निकम्मे नहीं हैं. उनके गुण काे पहचानना हाेगा. अगर बच्चाें के गुण या प्रतिभा काे शिक्षक-अभिभावक पहचान नहीं पा रहे हैं, ताे यह उनकी गलती है, बच्चाें की नहीं. अगर नकल करते वक्त पकड़े गये आैर परीक्षा से निकाल दिया, ताे इसका अर्थ यह नहीं कि जान दे दें. गलती इनसान से हाेती है.
आगे यह गलती नहीं करेंगे, यही विचार मन में लायें. अगली बार मेहनत कर पढ़ कर परीक्षा देंगे आैर अच्छा रिजल्ट करेंगे. समाज क्या बाेलेगा, कैसे कल लाेगाें से आंख में आंख मिलायेंगे, यह साेचेंगे ताे निराशा ही हाथ लगेगी. अगर हाेमवर्क की सूची नहीं मिल रही, ताे कल मिल जायेगी, परसाें मिल जायेगी. उसे खाेजेंगे. नहीं खाेज पायें ताे दाेस्ताें के घर जाकर ले लेंगे आैर हाेमवर्क पूरा कर लेंगे. इसमें जान देनेवाली बात क्या है. ऐसे नाजुक माैकाें पर बच्चाें के मनाेभाव काे समझना हाेगा. अगर आइआइटी या मेडिकल में एडमिशन नहीं हुआ ताे क्या हुआ? क्या सभी रास्ते बंद हाे गये. एक बार नहीं हुआ, बाद में फिर देंगे. हाे गया ताे ठीक, नहीं हुआ ताे अनेक रास्ते हैं. दूसरे क्षेत्र में जायेंगे. लेकिन तभी न, जब जीवन बचा रहे.
दरअसल बच्चे तनाव में जी रहे हैं. पढ़ाई का दबाव है. कैरियर बनाने का दबाव है. अभिभावक का दबाव है. अपना सपना बच्चाें पर थाेपते हैं. बच्चाें की इच्छा है कि नहीं, यह नहीं साेचते. बच्चा क्या बनना चाहता है, यह उससे नहीं पूछते. यह तय कर देते हैं कि तुम्हें हर हाल में यह बनना है, वह बनना है. बच्चे भावुक हाेते हैं, संवेदनशील हाेते हैं, मन काेमल हाेता है, मां-बाप के सपनाें काे पूरा करना चाहते हैं. जब उन्हें लगता है कि वह मां-बाप के सपनाें काे पूरा नहीं कर पा रहे, ताे काेई गलत कदम उठा लेते हैं. बच्चाें काे मानसिक ताैर पर मजबूत बनना हाेगा. ठीक है मां-बाप का सपना हाेता है, लेकिन अपना सपना बच्चाें पर मत थाेपिए. उसकी राय लीजिए. उसकी बात सुनिए.
वह क्या बनना चाहता है. उसके मन में क्या चल रहा है, यह समझने का प्रयास कीजिए. सिर्फ पैसे दे देने से, बेहतर से बेहतर काेचिंग में नाम लिखा देने से सपने साकार नहीं हाेते. उन्हें समय देना हाेगा. अभिभावक बच्चाें काे समय नहीं देते, खुद उनकी किताब-कॉपी नहीं देखते अाैर उस पर दबाव देते हैं कि आइअाइटी करना है, आइएएस बनना है.
संभव है कि आपका बच्चा पढ़ाई में बहुत अच्छा नहीं कर पा रहा हाे. ईश्वर ने हर किसी काे अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग क्षमता दी है. अगर पढ़ाई में कमजाेर है, ताे किसी आैर चीज में बेहतर हाेगा, उसे पहचानिए. उसे उस क्षेत्र में भेजिए. उसका उत्साह बढ़ाइए.
सबसे महत्वपूर्ण यह है कि आप बच्चाें का लालन-पालन कैसे करते हैं. उसे सही आैर गलत की परख हाेनी चाहिए. यह शिक्षा आप दें. काेसने से कुछ नहीं हाेता. तुलना करने से कुछ बनता नहीं है. ऐसे अनेक मामले सामने आते रहे हैं, जब पड़ाेसी के बच्चे का अच्छा रिजल्ट बता कर कुछ लाेग अपने बच्चे काे निकम्मा बताते हैं.
इससे बच्चे डिप्रेशन में जा रहे हैं. लगता है कि वे बेकार हैं. अभिभावक इस बात का ध्यान रखें कि बच्चाें पर इतना दबाव न दे दें, जिसे वह संभाल ही नहीं पाये. आरंभ से ही बच्चाें में असफलता काे भी स्वीकार करने की क्षमता विकसित करें. ऐसा नहीं हाेता कि आपका बच्चा जिंदगी भर टॉप ही करता रहे. कठिन प्रतियाेगिता है आैर इसमें जीत आैर हार दाेनाें हाेती है. आज हारे हैं ताे कल जीतेंगे भी. आज सफल हुए हैं, ताे कल असफल भी हाे सकते हैं. इस सत्य काे स्वीकारना हाेगा. परीक्षा में पास नहीं हाेने का यह अर्थ कतई नहीं है कि आप (बच्चे) किसी काम के नहीं हैं.
ठीक है आप का चयन नहीं हुआ, आपके दाेस्त का हाे गया, ताे इससे क्या फर्क पड़ता है. आप फिर प्रयास करें. फिर भी नहीं हुआ ताे जीवन में अनेक क्षेत्र हैं, जहां आप इससे भी बेहतर कर सकते हैं. उन रास्ताें काे तलाशे आैर प्रकृति द्वारा दिये गये जीवन का आनंद उठायें.

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