पाकिस्तान के मशहूर ग़ज़ल गायक ग़ुलाम अली ने कहा कि दोनों देशों में ऊपर बैठे लोग नहीं चाहते कि दोनों मुल्कों के लोग मिलजुलकर रहें.
ग़ुलाम अली गंगा-जमुनी तहज़ीब के शहर बनारस में लगातार दूसरे साल कार्यक्रम करेंगे.
वो वाराणसी के चर्चित कार्यक्रम संकटमोचन संगीत समारोह में मंगलवार को अपना गायन पेश करेंगे. कई दिनों तक चलने वाले इस संगीत समारोह की शुरुआत मंगलवार से हो रही है.
कार्यक्रम में भाग लेने वाराणसी पहुंचे ग़ुलाम अली ने भारत-पाक रिश्तों के बेहतर होने की कामना की.
उन्होंने कहा, "दोनों मुल्कों में ऊपर बैठे लोग नहीं चाहते हैं कि दोनों देशों के लोग आपस में मिलजुलकर रहें. भारत-पाकिस्तान के बीच मजबूत रिश्तों की दरकार सभी को है."
ग़ौरतलब है कि दिल्ली में दोनों ही मुल्कों के विदेश सचिवों की बैठक मंगलवार को होने की संभावना है.
उन्होंने कहा कि वो दुआ करेंगे कि दोनों देशों के लिए यह बैठक अच्छी साबित हो.
कलाकारों को लेकर दोनों मुल्कों में हो रही सियासत के सवाल पर ग़ुलाम अली ने कहा कि कलाकारों को इस मामले में दखल नहीं देना चाहिए. उन्होंने कहा कि दोनों मुल्कों में मोहब्बत बढ़े और हम मोहब्बत का पैगाम देते हैं.
पिछले एक साल में भारत-पाक के रिश्ते बेहतर नहीं हुए हैं? इस सवाल के जवाब में ग़ुलाम अली ने कहा, "दोनों देशों में ऊपर की ताक़तें नहीं चाहती हैं कि हम मिलकर रहें, लेकिन हमसाये तो आपस में भाई होते हैं."
भारत में पहले हुए अपने विरोध पर ग़ुलाम अली ने विरोधियों के लिए दुआ की कि उन्हें अच्छी सीख मिले.
उन्होंने कहा कि चाहे वो खेल का मैदान हो या फिर गीत-संगीत का मंच, दोनों ही देशों के आवाम शांति और भाईचारा चाहते हैं लेकिन ‘चंद मुट्ठी भर लोगों को शायद ये गवारा नहीं ताकि उनकी सियासी रोटियां सिकतीं रहें.’
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