तेल उत्पादन को स्थिर करने के उद्देश्य से तेल निर्यातक देशों की क़तर में रविवार को हुई बैठक बिना किसी नतीज़े के ख़त्म हो गई.
बैठक के बाद क़तर के ऊर्जा मंत्री मोहम्मद बिन सलेह अल सदा ने कहा कि ओपेक और ग़ैर ओपेक देश आपस में बातचीत के लिए ‘और समय’ चाहते हैं.
बैठक में तेल उत्पादक देशों के समूह ओपेक के अधिकांश सदस्यों और रूस समेत तेल का निर्यात करने वाले अन्य देशों ने हिस्सा लिया.
ये सभी देश तेल उत्पादन को स्थिर करने को लेकर एक समझौता चाहते थे, ताकि कच्चे तेल की गिरती क़ीमतों पर क़ाबू पाया जा सके.
दरअसल पिछले 18 महीने से भी अधिक समय से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें घट कर लगभग आधी रह गई हैं.
ईरान और सऊदी अरब के बीच बढ़ते तनाव की ख़बर आने से बातचीत शुरुआती दौर में ही संकट पड़ती नज़र आ रही थी. ईरान ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया.
ईरान का कहना है कि वो अपना तेल उत्पादन बढ़ाता रहेगा. ईरान पर इसी साल अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध हटे हैं.
दुनिया में सबसे बड़ा तेल निर्यातक देश सऊदी अरब चाहता है कि ईरान समेत ओपेक के सभी सदस्य देश तेल के उत्पादन को स्थिर करें.
वहीं ईरान का रुख यह था कि आर्थिक प्रतिबंधों के हटाए जाने के बाद से वह तेल उत्पादन बढ़ाने की जिस नीति का पालन कर रहा है, वह उसे जारी रख़ेगा.
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