ब्रासीलिया :ब्राजील की राष्ट्रपति जिल्मा रूसेफ पर सरकारी खातों में हेराफेरी करने का आरोप लगने के बाद वहां की संसद के निचले सदन ने उनके खिलाफ महाभियोग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. सदन में यह प्रस्ताव बहुमत से पारित हुआ है. निचले सदन में महाभियोग के लिए मुहिम चला रहे ग्रुप को दो तिहाई बहुमत प्राप्त हो गया है.
हालांकि रूसेफ ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है लेकिन जब सदन के निचले सदन में मतदान शुरू हुआ तो सत्ताधारी वर्कर्स पार्टी ने हार मान ली. अब सीनेट से महाभियोग के प्रस्ताव को मंजूरी मिलना है, अगर सीनेट ने भी यह प्रस्ताव पारित कर दिया, तो रूसेफ को पद छोड़ना होगा.
लड़ाई अभी बाकी है
कांग्रेस के निचले सदन में वर्कर्स पार्टी के नेता जोस गिमारेस ने कहा कि तख्तापलट की साजिश रचने वाले इस सदन में जीत गये हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति डिल्मा रोसेफ की सरकार अपनी अस्थायी हार को मानती है लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है कि लडाई खत्म हो गई. इस मतदान से पहले कई माह तक तीखी बहसें चलीं हैं. इस दौरान रोसेफ के सत्ताधारी गठबंधन का विघटन होते और सड़कों पर भारी विरोध प्रदर्शन होते देखे गये हैं.
राष्ट्रपति पर है भ्रष्टाचार का आरोप
ब्राजील की इस पहली महिला राष्ट्रपति पर सरकार के बही खातों में अवैध तरकीबें लगाने का आरोप है. उन्हें देश में कई दशकों में आई अब तक की सबसे भीषण मंदी और भारी भ्रष्टाचार का दोषी ठहराया जाता है.