बाल्टिक समुद्र में अमरीकी जहाज़ के ऊपर से दो रूसी विमानों के क़रीब दर्जन बार गुज़रने से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है.
दरअसल अमरीकी गठबंधन के देशों वाले हेलीकॉप्टरों के साथ अमरीकी मिसाइल विध्वंसक जहाज़ का डेक लैंडिंग अभ्यास चल रहा था.
अमरीकी अधिकारियों के मुताबिक़ रूसी विमान अमरीकी मिसाइल विध्वंसक के बेहद क़रीब से कई बार गुज़रे.
बताया जा रहा है कि रूसी लड़ाकू विमान सुखोई एसयू-24 में कोई हथियार नहीं था और युद्धपोत से भी कोई कार्रवाई नहीं की गई.
एक अधिकारी ने बताया कि हाल के समय में रूस की तरफ़ से यह सबसे आक्रामक गतिविधियों में एक है.
मिसाइल विध्वंसक, द यूएसएस डोनल्ड कुक के कमांडर के मुताबिक़ यह बनावटी हमले जैसा था.
आधिकारिक तौर पर इसे असुरक्षित और उकसाने वाली घटना बताया गया है, जिससे कोई हादसा भी हो सकता था.
एक वक़्त ऐसा भी आया कि विमान जहाज़ से महज़ 30 फ़ीट की दूरी पर थे. इससे जहाज़ के चारों तरफ पानी में हलचल पैदा हो गई.
अमरीका ने कहा है कि रूस का यह क़दम समुद्र में ख़तरनाक हादसे रोकने के लिए किए गए 1970 समझौते का उल्लंघन भी माना जा सकता है.
यही नहीं, तस्वीर खींचते हुए एक रूसी हेलीकॉप्टर भी जहाज़ के ऊपर से सात बार गुज़रा.
यूनाइटेड स्टेट्स यूरोपियन कमांड के बयान में कहा गया कि जब ये विमान गुज़रे तब द डोनल्ड कुक मित्र देशों की सेना के हेलीकाप्टर के साथ डेक लैंडिंग अभ्यास का आयोजन कर रही थी.
रूसी विमानों के गुज़रने के दौरान उड़ान संचालन रोक दिया गया.
अगले दिन रूसी केए-27 हेलीकॉप्टर, अमरीकी जहाज़ के बेहद क़रीब से गुज़रा. इसके बाद कई और विमान भी वहां से गुज़रे.
बताया जा रहा है कि अंग्रेज़ी और रूसी भाषा में दी गई सुरक्षा चेतावनियों को भी रूसी विमान ने अनदेखा कर दिया.
क्रीमिया के विलय और पूर्व-पश्चिम के विभाजन के बाद अमरीका और रूस के बीच पिछले दो सालों में ऐसी घटनाएं बढ़ी हैं.
पिछले साल जून में भी ऐसी एक घटना ब्लैक सी के ऊपर घटी थी, जब रूसी लड़ाकू विमान अमरीकी डेस्ट्रॉयर के ऊपर से गुज़रा था.
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