अफ़्रीक़ा में होने वाले पांच आत्मघाती हमलों में कम से कम एक में बच्चों को बम के तौर पर इस्तेमाल किया गया.
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि पिछले साल बोको हराम के ज़रिए किए गए पांच आत्मघाती हमलों में से सामान्यत: एक में बच्चे शामिल थे.
कैमरून, नाइजीरिया और चाड में इस्लामी चरमपंथी संगठन के ज़रिए किए गए हमलों में कम से कम तीन चौथाई में वैसी लड़कियों का इस्तेमाल हुआ था जिन्हें नशा देकर आत्मघाती हमलों के लिए भेजा गया था.
साल 2014 में इस तरह के हमलों की तादाद 4 थी जबकि अगले साल ये 44 पर पहुंच गई. इसमें जनवरी 2016 के आंकड़े भी शामिल हैं.
सात सालों से जारी गृह युद्ध में कम से कम 17,000 लोगों की मौत हो चुकी है.
बच्चों के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनिसेफ़ का कहना है कि कैमरून, चाड, नाइजीरिया और निजेर- चार मुल्कों को मिलाकर 13 लाख बच्चे बेघर हो गए हैं.
नाइजीरिया में पिछले साल बोको हराम ने 200 लड़कियों को एक बोर्डिंग स्कूल से अग़वा कर लिया था.
इसे लेकर काफ़ी हंगामा हुआ लेकिन अभी तक एक भी लड़की का पता नहीं चल पाया है.
यूनिसेफ़ की रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़कों से कहा जाता है कि बोको हराम के प्रति अपनी वफ़ादारी दिखाने के लिए वो अपने परिवार पर हमला करें. जबकि लड़कियों को जबरन सेक्स का शिकार बनाया जाता है और उनकी शादी लड़ाकों से कर दी जाती है.
जिन लड़कियों को आत्मघाती हमलों के लिए भेजा जाता है उन्हें नशे की दवा दे जाती है और फिर उनके शरीर पर विस्फ़ोटक बांध दिया जाता है.
रिपोर्ट के मुताबिक़, कैमरन में बच्चों के आत्मघाती हमलों की संख्या सबसे ज़्यादा है, इनमें आठ साल से की उम्र के बच्चे शामिल होते हैं.
बोको हराम का मतलब ‘पश्चिमी शिक्षा हराम’ होता है, अक्सर बोको हराम स्कूल पर हमला करता है.
यूनिसेफ़ ने कहा है कि 1,800 से ज़्यादा स्कूल बंद हो चुके हैं. इन स्कूलों में तोड़फोड़ हुई है या आग लगा दी गई है, कुछ स्कूलों को उत्तर-पूर्व नाइजीरिया और कैमरून में विस्थापित लोगों के राहत शिविर के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है.
करीब पंद्रह महीनों से बोको हराम के लड़ाकों से कई इलाकों को छुड़ा लिया गया है, माना जा रहा है कि नाइजीरिया के सांबिसा के जंगलों से चरमपंथी काम कर रहे हैं.
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