अज़रबैजान ने नागोरनो कोराबाख इलाक़े में आर्मीनिया के साथ हुई झड़पों के बाद एकतरफ़ा युद्धविराम की घोषणा की है.
अज़रबैजान के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही प्रतिक्रियाओं को देखते हुए हिंसा को रोकने के लिए ये क़दम उठाया गया है.
लेकिन आर्मीनिया के रक्षा मंत्रालय ने इस बयान को ‘झूठ’ बताते हुए ख़ारिज किया है. आर्मीनिया ने कहा है कि अज़रबैजान की ओर से हमले जारी हैं.
साल 1994 में अज़रबैजान और आर्मीनिया के बीच युद्धविराम से पहले हुई लड़ाई में 30 हज़ार लोग मारे गए थे.
ताज़ा घटनाओं से पहले कॉकेशस क्षेत्र के विवादास्पद नागोरनो कोराबाख इलाक़े में पिछले रविवार को भी हिंसा हुई थी.
आर्मीनिया ने दावा किया है कि इन झड़पों में उसके 18 सैनिक मारे गए हैं जो पिछले दो दशक में सेना को हुई सबसे बड़ी क्षति है.
दूसरी तरफ अज़रबैजान का कहना है कि उसके 12 सैनिक मारे गए हैं. दोनों तरफ के आम नागरिकों के मारे जाने की अपुष्ट ख़बरें भी आ रही हैं.
आर्मीनिया और अज़रबैजान के बीच 1994 में युद्ध ख़त्म होने के बाद से ही नागोरनो कोराबाख इलाक़े पर आर्मीनियाई अलगाववादियों का क़ब्ज़ा है.
दोनों देशों को हथियार बेचने वाले रूस ने आर्मीनिया और अज़रबैजान से तत्काल संघर्षविराम करने की अपील की है और दोनों पक्षों को संयम बरतने को कहा है.
अज़रबैजान का कहना है कि उसके सैनिकों पर भारी हथियारों से गोलाबारी की गई और फिर उन्होंने जवाबी कार्रवाई करते हुए सामरिक दृष्टि से अहम दो पहाड़ियों और एक गांव पर क़ब्ज़ा कर लिया.
दूसरी तरफ़ आर्मीनिया सरकार ने आरोप लगाया है कि पहले अज़रबैजान ने टैंकों, तोपों और हेलीकॉप्टरों से भारी गोलीबारी की थी.
आर्मीनिया के रक्षा मंत्रालय ने कोराबाख में बताया कि 12 साल के एक बच्चे की मौत हो गई है जबकि दो अन्य बच्चे घायल हैं.
आर्मीनिया और अज़रबैजान के बीच 1980 के दशक के अंत में संघर्ष की शुरुआत हुई थी और 1991 में सोवियत संघ के विघटन पर इसने युद्ध का रूप ले लिया था.
साल 1994 में युद्धविराम से पहले इस लड़ाई में 30 हज़ार लोग मारे गए थे.
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