असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने मौजूदा राज्यपाल की मदद से उनकी सरकार को गिराने के लिए ‘करोड़ों ’ खर्च किए थे.
मंगलवार को गुवाहाटी में एक संवाददाता सम्मेलन में गोगोई ने कहा कि भाजपा ने पूर्व कांग्रेस मंत्री और अब भाजपा नेता हिमंत विश्व शर्मा और कुछ कांग्रेस विधायकों को लेकर यह कोशिश की थी जिसमें वे सफल नहीं हो सके.
मुख्यमंत्री के आरोप के अनुसार सरकार गिराने की कथित साजिश में मौजूदा राज्यपाल पद्मनाभ बालाकृष्ण आचार्य भी शामिल थे.
गोगोई ने सवाल खड़े किए कि उनके (राज्यपाल) समर्थन के बगैर यह कैसे संभव हो पाता? यही वजह है कि केंद्र सरकार ने असम में एक स्थायी राज्यपाल की नियुक्ति अबतक नहीं की है.
नगालैंड के राज्यपाल पद्मनाभ बालाकृष्ण आचार्य असम के प्रभारी राज्यपाल की ज़िम्मेदारी संभाल रहे है.
वहीं असम भाजपा के महासचिव विजय गुप्ता ने तरुण गोगोई के इस दावे के जवाब में कहा, "भाजपा के बढ़ते समर्थन को देखते हुए मुख्यमंत्री तरुण गोगोई पूरी तरह हताश हो गए हैं और इस तरह का बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं."
विजय गुप्ता ने कहा कि पैसा खर्च कर भाजपा कभी कोई सरकार नहीं गिरा सकती.
बीजेपी नेता के मुताबिक राज्य में लोग कांग्रेस का साथ छोड़ रहे है और भाजपा का लगातर समर्थन बढ़ रहा है.
मुख्यमंत्री गोगोई ने भाजपा पर ये आरोप ऐसे समय में लगाए है जब मणिपुर में ओकराम इबोबी सिंह की सरकार पर तख्ता पलट का खतरा मंडरा रहा है.
मणिपुर में कांग्रेस पार्टी के 25 विधायकों ने कैबिनेट में फेरबदल को लेकर मुख्यमंत्री इबोबी सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. नाराज विधायकों ने भाजपा में शामिल होने के संकेत दिए हैं.
मुख्यमंत्री गोगोई के आरोप अनुसार भाजपा में शामिल हुए हेमंत विश्व शर्मा ने सरकार को गिराने के लिए अपने साथ करीब 35 विधायकों को शामिल कर लिया था.
मुख्यमंत्री ने हेमंत पर किए भरोसे पर पश्चाताप करते हुए कहा, "मैं उन पर भरोसा करता था. उन्होंने मुझ जैसे साधारण व्यक्ति के साथ धोखा किया. हेमंत और उसके समर्थक कतई सच्चे कांग्रेसी नहीं थे. ऐसे लोग कांग्रेस में आते-जाते रहते हैं. हेमंत पहले उल्फा, फिर आसू, अगप, कांग्रेस और अब भाजपा के हो गए हैं.”
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