वर्ल्ड टी20 क्रिकेट टूर्नामेंट में बुधवार को पहले सेमीफाइनल में न्यूज़ीलैंड का सामना दिल्ली के फ़िरोज़शाह कोटला मैदान में इंग्लैंड से होगा.
न्यूज़ीलैंड ने मौजूदा विश्व कप में सुपर-10 में अपने सभी मैच जीते हैं. पहले ही मैच में उसने विश्व कप की सबसे बड़ी दावेदार मानी जा रही मेज़बान टीम इंडिया को 47 रन से मात दी थी.
इसके बाद न्यूज़ीलैंड ने ऑस्ट्रेलिया को 8 रन से, पाकिस्तान को 22 रन से और बांग्लादेश को तो 75 रन से मात दी.
न्यूज़ीलैंड की बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी में शानदार तालमेल है.
ब्रैंडन मैक्कुलम के सन्यास लेने के बाद क्रिकेट के इस छोटे प्रारूप में कप्तान केन विलियम्सन, मार्टिन गप्टिल, कोलिन मुनरो, रोस टेलर और कोरी एंडरसन ने टीम के जोश में कोई कमी नहीं आने दी.
मार्टिन गप्टिल ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ 80 और ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 39 रनों की पारी खेली.
केन विलियमसन ने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ 42, कोलिन मुररो ने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ 35 और ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ 23 तो रोस टेलर ने पाकिस्तान के ख़िलाफ नाबाद 36 और बांग्लादेश के ख़िलाफ़ 28 रनों का योगदान दिया.
कोरी एंडरसन ने भारत के ख़िलाफ़ 34 और पाकिस्तान के ख़िलाफ़ 21 रन बनाए, यानी सबने मिलजुकर टीम की नैय्या पार लगाई.
न्यूज़ीलैंड ने इस विश्व कप में तेज़ गेंदबाज़ों की जगह अपने स्पिनरों पर दांव खेला जो कामयाब भी रहा.
लैग स्पिनर मिशेल सैंटनर 9 विकेट लेकर सबसे कामयाब गेंदबाज़ बन गए हैं. भारत के ख़िलाफ़ तो उन्होंने केवल 11 रन देकर 4 विकेट झटके.
दूसरे लेग स्पिनर ईश सोढ़ी भी अभी तक 8 विकेट झटक चुके हैं और ऑफ स्पिनर नाथन मैक्कुलम ने भी दो मैच में तीन विकेट लिए हैं.
दूसरी तरफ इंग्लैंड ने सुपर-10 में दक्षिण अफ्रीका को 2 विकेट से, अफ़ग़ानिस्तान को 15 रन से और श्रीलंका को 10 रन से हराया.
इंग्लैंड एकमात्र मैच वेस्ट इंडीज़ से 6 विकेट से हारा. इंग्लैंड के लिए जे फैक्टर महत्वपूर्ण है.
सलामी बल्लेबाज़ जेसन रॉय, जो रूट और जोस बटलर बेहद तेज़-तर्रार अंदाज़ में बल्लेबाज़ी कर रहे हैं.
दक्षिण अफ्रीका को इस विश्व कप में सबसे बड़ा नुक़सान इंग्लैंड ने ही पहुंचाया.
जीत के लिए 230 रनों जैसा बड़ा लक्ष्य भी इंग्लैंड ने जो रूट के केवल 44 गेंदों पर 83 रन की मदद से दो गेंद पहले हासिल कर लिया.
जेसन रॉय ने भी 16 गेंदों पर 43 रन बनाकर धमाकेदार शुरुआत दी और श्रीलंका के ख़िलाफ भी 42 रन बनाए. जोस बटलर ने भी श्रीलंका के ख़िलाफ़ नाबाद 66 रन बनाए.
गेंदबाज़ी में मोइन अली भरोसेमंद स्पिनर तो हैं ही, ज़रूरत पड़ने पर चौके-छक्के भी जमा सकते हैं.
अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ उन्होंने ही नाबाद 41 रन बनाकर टीम की जान बचाई.
न्यूज़ीलैंड इससे पहले साल 2007 में भी सेमीफाइनल में पहुंचा था. वही इंग्लैंड साल 2010 में चैंपियन रह चुका है.
दोनों देशों के बीच 13 मैच हुए हैं जिनमें से चार बार न्यूज़ीलैंड और आठ बार इंग्लैंड जीता है जबकि एक मैच का परिणाम नहीं निकला.
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