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नरेंद्र की ‘पसंद’ प्रभु के बजट में दिख रहे भारतीय रेल में बड़े बदलाव के संकेत

नयी दिल्ली : लोप्रोफाइल शख्स सुरेश प्रभु को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 के नवंबर में उन्हें शिवसेना से अपनी पार्टी में लाकर अपने कोटे से रेल मंत्री बनाने का निर्णय लिया तो यह सामान्य कदम नहीं था. प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता सदानंद गौड़ा को रेल मंत्रालय की […]

नयी दिल्ली : लोप्रोफाइल शख्स सुरेश प्रभु को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 के नवंबर में उन्हें शिवसेना से अपनी पार्टी में लाकर अपने कोटे से रेल मंत्री बनाने का निर्णय लिया तो यह सामान्य कदम नहीं था. प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता सदानंद गौड़ा को रेल मंत्रालय की जिम्मेवारी सौंपी थी,लेकिन अपने चुनावी वादों के अनुरूप भारतीय रेल को देश का ग्रोथ इंजन बनानेके लिए उन्होंने छह महीने बाद ही रेलमंत्रालयमें सुरेश प्रभु की तैनाती की. सुरेश प्रभु ने 10 नवंबर 2014 को रेल मंत्रालय की कमान संभाली थी और वर्ष 2015-16 का रेल बजट उन्होंने मात्र दो महीने के कार्यकाल में तैयार किया था, जो सपाट था अौर उपर वाले प्रभु कीमदद तब उन्होंने अपने बजट भाषण में मांगी थी. लेकिन, अब 14 महीने बाद रेलवे को लेकर उनका विजन अधिक स्पष्ट रूप से लोगों के सामने प्रकट हो रहा है.रेलमंत्रीने प्रो विवेक देवरॉय का नाम लेकर संकेत दिया कि उनके बजट पर उनके सुझावों की छाप है. शायद इन्हीं कारणों से उनके बजट को एक तबके ने असहमति जताने के लिए ही सहीविजन डाक्यूमेंट की संज्ञा दी है.

वर्ष 2016-17 के लिए आज पेश रेल बजट में यात्री किराए और माल भाड़े में कोई बढोतरी नहीं की गयी है. रेलवे ने तीननयी सुपरफास्ट ट्रेनें शुरू करने और वर्ष 2019 तक समर्पित उत्तर-दक्षिण, पूरब-पश्चिम और पूर्वी तटीय माल ढुलाई गलियारा बनाने की घोषणा की.

लोकसभा में अपना दूसरा बजट पेश करते हुए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेलवे के किराए भाड़े की दरों को तर्कसंगत बनाने का वादा किया ताकि रेलवे एक आधुनिक परिवहन प्रणाली केरूप में परिवहन के अन्य साधनों से प्रतिस्पर्धा कर सके. उन्होंने कहा कि रेलवे माल ढुलाई के क्षेत्र में और अधिक प्रकार के माल ढोने के उपाय करेगी जिससे अतिरिक्त संसाधन अर्जित किये जा सकें.

पिछले साल से हटकर रेल मंत्री ने इस बार न तो यात्री किराए में और न ही माल भाड़े की दरों में कोई छेड़छाड़ की. पिछली बार उन्होंने माल भाड़े की दरों में संशोधन किया था.

तीन नयी सुपरफास्ट ट्रेनें

रेल बजट 2016-17 में तीन नयी सुपरफास्ट रेल गाड़ियां चलाने की घोषणा की गयी है. इनमें हमसफर नाम की गाड़ियां पूरी तरह से वातानुकूलित 3एसी के डिब्बों वाली होंगी जिनमें भोजन का भी विकल्प होगा. वहीं तेजस नाम से चलाई जाने वाली नयी गाड़ियां 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी और इनमें मनोरंजन, वाईफाई तथा स्थानीय व्यंजनों जैसी सेवाएं प्रदान की जाएंगी.

इन दोनों ट्रेनों के परिचालन की लागत उनके किराए के साथ साथ दूसरे तरीकों से वसूली जाएगी. तीसरी प्रकार की ट्रेन उदय नाम से चलाई जाएगी जो दो तला होगी और इसके साथ उत्कृष्ट नाम से वातानुकूलित दो तला गाड़ियां चलाने की घोषणा की गयी है.
ये दो तला गाड़ियां व्यस्त मार्गों पर चलाने की योजना है.

अनारक्षित यात्रियों की सुविधा का ध्यान

बजट में अनारक्षित यात्रियों की सुविधा का भी ध्यान रखा गया है. रेल मंत्री प्रभु ने सुपरफास्ट अंत्योदय एक्सप्रेस सेवा शुरू करने की घोषणा की है. इसके अलावा, ऐसे यात्रियों के लिए ‘दीन दयालु’ अनारक्षित डिब्बे लगाए जाएंगे जिनमें पेयजल और मोबाइल चार्जिंग की सुविधा होगी.

उन्होंने रेल विकास प्राधिकरण के गठन की भी घोषणा की जो सेवाओं की दरों के निर्धारण में रेलवे की मदद करेगा ताकि देश की यह सबसे बड़ी परिवहन प्रणाली अपनी प्रतिस्पर्धा क्षमता बनाए रख सके. साथ ही इसके ग्राहकों के हितों की भी रक्षा हो और सेवा की दक्षता, मानक स्तर की हो.

प्रभु ने वर्ष 2016-17 में भारतीय रेलवे के लिए 1.21 लाख करोड़ रुपये के योजना व्यय का प्रस्ताव किया. योजनाओं के लिए धन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए वित्त पोषण की मिलीजुली व्यवस्था करने का प्रस्ताव है.

रेल किराया राजस्व बढ़ेगा

रेल बजट के अनुसार, अगले वित्त वर्ष में रेलवे को यातायात कारोबार से सकल राजस्व प्राप्ति 1.84 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. वर्ष के दौरान यात्री किराए से 51,012 करोड़ रुपये की आय का लक्ष्य रखा गया है जो चालू वित्त वर्ष के बजट से 12.4 प्रतिशत अधिक होगा.

रेलवे ने 2016-17 में 5 करोड़ टन अतिरिक्त माल ढुलाई का लक्ष्य रखा है और उम्मीद की है कि बुनियादी क्षेत्र के स्वस्थ विकास से यह लक्ष्य हासिल हो जाएगा. माल ढुलाई से 1.17 लाख करोड़ रुपये की आमदनी होने का अनुमान है. अन्य कोचिंग और छोटी मोटी सेवाओं से रेलवे को अगले वित्त वर्ष में क्रमश: 6,185 करोड़ रुपये और 9,590 करोड़ रुपये की आय होने का अनुमान है.

आगामी वित्त वर्ष में रेलवे को पेंशन पर 45,500 करोड़ रपये खर्च करने पड़ सकते हैं. चालू वित्त वर्ष में रेलवे के वित्तीय कारोबार में 8,720 करोड़ रुपये की बचत दिखायीगयी है.

सातवें पे कमीशन पर पॉजिटव रुख

सातवें वेतन आयोग की सिफारिशाें को लागू करने से रेलवे पर अगले वित्त वर्ष में दबाव बढने और इस कारण परिचालन अनुपात : कुल आय के मुकाबले परिचालन खर्च : बिगड़ने का अनुमान है. बजट में वर्ष 2016-17 के दौरान परिचालन अनुपात बढकर 92 प्रतिशत पहुंचने का अनुमान लगाया गया है जो चालू वित्त वर्ष में 90 प्रतिशत रहने का अनुमान है.

रेलवे ने अनुमान लगाया है कि वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के बावजूद उसके साधारण खच में वृद्धि 11.16 प्रतिशत तक सीमित रहेगी. इसके लिए उसने डीजल और बिजली की खपत में कटौती की योजना बनाई है.

तीन नये रेलगाड़ी मार्ग बनेंगे

रेल मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि तीन नए मालगाड़ी मार्ग बनाए जाएंगे जिनमें एक उत्तर दक्षिण गलियारा दिल्ली से चेन्नई के बीच होगा, जबकि दूसरा पूरब पश्चिम गलियारा खड़गपुर से मुंबई और तीसरा पूर्वी तटीय गलियारा खड़गपुर को विजयवाड़ा से जोड़ेगा.

प्रभु ने अपने एक घंटे से अधिक के बजट भाषण में कहा, ‘‘इन तीन परियोजनाओं को उच्च प्राथमिकता देने का प्रस्ताव है ताकि इन परियोजना प्रस्तावों को तैयार करने, उनका ठेका देने और उन पर अमल करने का काम समय पर सुनिश्चित हो सके.’ रेल मंत्री ने कहा कि इनके लिए धन की व्यवस्था पीपीपी – : निजी सरकारी भागीदारी : मॉडल सहित नए तरीकों से की जाएगी.

रेल मंत्री ने यह भी कहा कि इन परियोजनाओं में चालू वित्त वर्ष की समाप्ति से पहले सिविल इंजीनियरिंग काम के सारे ठेके दिए भी जा चुके होंगे.

प्रभु ने कहा कि उनके रेल मंत्रालय संभालने के बाद से 24,000 करोड़रुपये के ठेके दिए जा चुके हैं, जबकि उससे पहले के छह साल में कुल मिलाकर 13,000 करोड़ रुपये के ठेके दिए गए थे.


2020तक रेलवे से जुड़ी आमजनकी अपेक्षाएं पूरी हों

रेलवे के बारे में अपना सपना पेश करते हुए प्रभु ने वादा किया 2020 तक रेलवे को लेकर आम लोगों की चिर अपेक्षाएं संतुष्ट की जाएंगी.

उन्होंने कहा कि इस अवधि में रेलवे ने मांग पर गाड़ियों में आरक्षित जगह उपलब्ध कराने, माल गाड़ियों को समय सारणी के अनुसार चलाने, सुरक्षा को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करने, बिना फाटक की रेलवे क्रासिंगों को खत्म करने, गाड़ियां समय पर चलाने, माल गाड़ियों की गति बढाने और पटरियों पर शौचालय की गंदगी छोड़े जाने पर पूरी तरह रोक लगाने का लक्ष्य रखा है.

यात्रियों के सुखद अनुभव के लिए बजट में सोशल मीडिया और समर्पित आइवीआरएस प्रणाली के जरिए संपर्क सुविधा करने व प्रतिक्रिया लेने का प्रस्ताव है. रेलवे ने यात्रा को सुखद बनाने के लिए 65,000 अतिरिक्त बर्थ उपलब्ध कराने और 2500 पेयजल की मशीनें लगाने का भी प्रस्ताव किया है.

रेलवे ने 100 स्टेशनों पर वाई-फाई सुविधा उपलब्ध करा दी है एवं आगामी वर्ष में और 400 स्टेशनों पर यह सुविधा उपलब्ध होगी.

संरक्षा के उपायों के तहत चालू वर्ष में 350 फाटक वाले लेवल क्रासिंग और 1000 बिना फाटक वाले क्रासिंग बंद किए जा चुके हैं. 820 रोड ओवरब्रिजों एवं रेल अंडर ब्रिजों को काम पूरा हो चुका है और ऐसे 1,350 पुलों पर काम चल रहा है.

स्टेशनों की कैटरिंग का काम आइआरसीटीसी को

यात्रियों की सुविधा बढाने के लिए स्टेशनों पर कैटरिंग और फूड स्टॉल का प्रबंध करने का काम चरणबद्ध तरीके से आइआरसीटीसी को सौंपा जाएगा. रेलवे आइआरसीटीसी के तहत 10 और आधारभूत रसोईघरों कोशुरू कर अपनी कैटरिंग सेवाएं परिचालन में लाने की संभावना तलाशेगा.

इसके अलावा, ट्रेनों के आवागमन की क्षण क्षण की सूचना यात्रियों को देने के लिए 2,000 स्टेशनों पर 20,000 स्क्रीन लगाए जाएंगे जो उच्च प्रौद्योगिकी के नेटवर्क से जुड़े होंगे और इन स्क्रीन पर विज्ञापन की भी सुविधा होगी जिससे रेलवे को अतिरिक्त आमदनी हो सकती है.

तीर्थस्थलों के स्टेशनों का सौंदर्यीकरण होगा

प्रभु ने अजमेर, अमृतसर, बिहार शरीफ, चेंगन्नूर, द्वारका, गया, हरिद्वार, मथुरा, नागपट्टिनम, नांदेड, नासिक, पाली, पारसनाथ, पुरी, तिरुपति, वैलंकन्नि, वाराणसी और वास्को जैसे धर्मस्थलों के रेलवे स्टेशनों पर यात्री सुविधाएं बढाने और स्टेशनों के सौंदर्यीकरण का काम प्राथमिकता के साथ पूरा करने का वादा किया.

रेलवे ने धार्मिक स्थलों को जोड़ने के लिए ‘आस्था’ सर्किट गाड़ियां चलाने का भी विचार पेश किया है.

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