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आप परिस्थितियों से क्या ग्रहण करते हैं?

दक्षा वैदकर किसी शहर में दो भाई रहते थे. उनमें से एक शहर का सबसे बड़ा बिजनेसमैन था, तो दूसरा निठल्ला और शराबी था. लोगों को उन्हें देख कर हैरत होती थी कि आखिर दोनों में इतना अंतर क्यों है? जबकि दोनों एक ही माता-पिता की संतान हैं. दोनों को एक जैसी शिक्षा प्राप्त है […]

दक्षा वैदकर

किसी शहर में दो भाई रहते थे. उनमें से एक शहर का सबसे बड़ा बिजनेसमैन था, तो दूसरा निठल्ला और शराबी था. लोगों को उन्हें देख कर हैरत होती थी कि आखिर दोनों में इतना अंतर क्यों है? जबकि दोनों एक ही माता-पिता की संतान हैं. दोनों को एक जैसी शिक्षा प्राप्त है और वे बिल्कुल एक जैसे माहौल में ही पले-बढ़े हैं. कुछ लोगों ने इस बात का पता लगाने का निश्चय किया और शाम को भाइयों के घर पहुंच गये. अंदर घुसते ही उन्हें नशे में धुत एक व्यक्ति दिखा. वे उसके पास गये और पूछा, ‘भाई तुम ऐसे क्यों हो? तुम बेवजह लोगों से लड़ाई-झगड़ा करते हो. नशे में धुत होकर अपने बीवी-बच्चों को मारते हो. आखिर यह सब करने की वजह क्या है? ‘मेरे पिता’ – भाई ने उत्तर दिया. वो कैसे? लोगों ने पूछा.

भाई बोला, मेरे पिता शराबी थे. वे अक्सर मेरी मां और हम दोनों भाइयों को पीटा करते थे. ऐसे में तुम लोग मुझसे और क्या उम्मीद कर सकते हो? मैं भी वैसा ही हूं. फिर वे लोग दूसरे भाई के पास गये. लोगों ने उससे भी वही प्रश्न किया. आप इतने सम्मानित बिजनेसमैन हैं. सभी आपकी प्रशंसा करते हैं. आखिर इसकी वजह क्या है? ‘मेरे पिता’- भाई ने उत्तर दिया. लोगों ने आश्चर्य से पूछा, ‘भला वो कैसे?’

उसने कहा, ‘मेरे पिता शराबी थी. नशे में वो हमें मारा करते थे. तभी मैंने निश्चय कर लिया था कि मैं वैसा बिल्कुल नहीं बनना चाहता. मैं नहीं बना.’

दोस्तों, यह कहानी सीख देती है कि जीवन में जो कुछ भी घटता है, उसके दो पहलू होते हैं, एक अच्छा और दूसरा बुरा. जरूरत इस बात की है कि हम अच्छे पर ध्यान दें और उसी से प्रेरणा लेने की कोशिश करें. आपको ऐसे कई लोग मिल जायेंगे, जो अपनी पढ़ाई बीच में छूट जाने की वजह, गरीब होने की वजह, आवारा होने की वजह, गुंडा-मवाली बनने की वजह अपने घरवालों को बताते हैं. उनका अक्सर कहना होता है कि हम अच्छे-बड़े घर में पैदा होते, तो ऐसे नहीं बनते. वे इस बात को भूल जाते हैं कि जिस इनसान को ऊंचाई पर पहुंचना होता है, वह अपनी परिस्थितियां खुद बनाता है और दूसरों को दोष नहीं देता.

daksha.vaidkar@prabhatkhabar.in

बात पते की..

आप दुनिया के महान लोगों की जीवनियां पढ़ेंगे, तो पायेंगे कि वे सभी बहुत गरीब परिवार के थे और उन्होंने ऐसी परिस्थितियों में खुद को संभाला.

हमारे आसपास बहुत प्रकार की घटनाएं होती रहती हैं. यह हम पर निर्भर करता है कि हम उनसे क्या चीजें ग्रहण करते हैं, अच्छी या बुरी.

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