रिलायंस कंपनी ने अपने मुलाज़िमों के लिए 4जी सेवाएं उपलब्ध कराने का ऐलान किया है. लेकिन रिलायंस से पहले ही एयरटेल कंपनी ने अपनी 4जी सेवाएं बाज़ार में उतार दी हैं.
ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या है 4जी. आइए जानें 4जी की चार अहम बातें:
1. क्या है 4जी?
4जी यानी ‘फोर्थ जेनरेशन’ ऐसा मोबाइल नेटवर्क है जो बात करते वक्त बेहतर ‘वॉयस क्वॉलिटी’ और इंटरनेट इस्तेमाल करते हुए 3जी से कहीं ज़्यादा तेज़ स्पीड से जानकारी अपलोड और डाउनलोड करने की सुविधा देगा.
3जी पर डाउनलोड की औसतन स्पीड 14 एमबीपीएस और अपलोड की स्पीड क़रीब पांच एमबीपीएस होती है. 4जी पर डाउनलोड स्पीड 100 एमबीपीएस और अपलोड स्पीड 50 एमबीपीएस होने का दावा किया जा रहा है.
मौजूदा समय में 3जी के उपभोक्ता बेहद कम स्पीड मिलने की शिकायत करते रहे हैं. इसी साल जारी फ़ेसबुक कंपनी के एक शोध के मुताबिक़ भारत में मोबाइल पर इंटरनेट इस्तेमाल करनेवाले उपभोक्ताओं में से महज़ 13 प्रतिशत ही 3जी और 4जी का इस्तेमाल कर रहे हैं.
कैसे मिल सकता है 4जी?
4जी सेवा लेने के लिए ऐसा मोबाइल और सिम कार्ड चाहिए जो 4जी ‘एनेबल्ड’ हो. बाज़ार में अब ज़्यादातर मोबाइल ब्रांड 4जी ‘एनेबल्ड’ फोन बना रहे हैं.
इनमें चीनी ब्रांड शाओमी और असूस से लेकर अन्य अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स जैसे सैमसंग और आई-फोन तक उपलब्ध हैं.
3जी नेटवर्क की शुरुआत के व़क्त 3जी ‘एनेबल्ड’ फोन काफ़ी महंगे थे. पर ऐसी दिक़्क़त अब नहीं है क्योंकि बाज़ार में 4जी ‘एनेबल्ड’ फोन 7-8 हज़ार रुपए में भी मिल रहे हैं.
कौन सी कंपनियां दे रही हैं 4जी नेटवर्क?
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के मुताबिक़ भारत में वायरलेस इंटरनेट सेवा देने वाली सबसे बड़ी कंपनी एयरटेल, इस साल अगस्त में 296 छोटे-बड़े शहरों में 4जी नेटवर्क उपलब्ध कराने वाली पहली कंपनी बन गई.
फिलहाल वो 3जी सेवा की कीमत पर ही 4जी सेवा दे रही है और 4जी सिम ऑर्डर करने पर घर तक उसे पहुंचा भी रही है.
वोडाफोन ने इसी महीने केरल के कोच्चि शहर में 4जी सेवा देना शुरू किया है. एयरटेल की ही तरह वोडाफोन भी बिना किसी अतिरिक्त दाम के उपभोक्ताओं को 4जी सेवा दे रहा है और सिम घर पहुंचा रहा है.
दोनों कंपनियां संगीत और फिल्में देखने जैसे अन्य फ़ीचर्स भी मुहैया करवा रही हैं. रिलायंस ने अगले साल अप्रैल में देशभर में 4जी नेटवर्क उपलब्ध कराने का दावा किया है. वो 300-500 रुपए प्रति महीना जैसे कम दाम में ये सारी सुविधाएं उपलब्ध करवाएगा.
वहीं आइडिया ने अगले साल मार्च से दक्षिण भारत के पांचों राज्यों में 4जी सेवा देना शुरू करने की घोषणा की है.
4. क्या 4जी 3जी नेटवर्क से बेहतर होगा?
3जी नेटवर्क के लॉन्च के वक्त 2जी इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ता को 3जी सेवा ख़रीदने के लिए कहीं ज़्यादा पैसे देने पड़े थे. उसके बाद भी दावों के मुताबिक़़ स्पीड नहीं मिलने की शिकायतें बनी रहीं.
टेलिकॉम कंपनियों के मुताबिक़ ऐसा मोबाइल टावर्स की कमी के चलते हुआ. हालांकि सरकार इसकी ज़िम्मेदारी कंपनियों पर ही डालती रही है.
4जी नेटवर्क के ये शुरुआती दिन हैं. 3जी के अनुभव से अलग, 4जी के लॉन्च के वक्त मार्केट में ऐसी प्रतिस्पर्धा है कि 4जी ‘एनेबल्ड’ मोबाइल भी सस्ते हैं और नेटवर्क का दाम भी कम.
विशेषज्ञों के मुताबिक़ फिलहाल कम उपभोक्ता होने की वजह से 4जी का अनुभव कुछ अच्छा है.
लेकिन वो चेतावनी देते हैं कि जब तक टेलिकॉम कपनियां अपने आधारभूत ढांचे को और मज़बूत नहीं करतीं और टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया अपने नियम को सख़्ती से लागू नहीं करता, तब तक आने वाले समय में 4जी का हाल भी 3जी जैसा हो सकता है.
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